पटना। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) की जुबान पर कोई लगाम नहीं है। हाल ही में उन्होंने मुसलमानों को लेकर विवादित बयान दे दिया है। बिहार में वोटिंग (Voting) से पहले उनके द्वारा दिए गए बयान को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ सकती है। केंद्रीय मंत्री बिहार के अरवल जिले (Arwal) में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मुसलमानों को ‘नमक हराम’ बता दिया और कहा कि वे आयुष्मान योजना का उपकार नहीं मानते।
गिरिराज सिंह की टिप्पणी और विवाद
गिरिराज सिंह ने कहा कि मोदी सरकार समाज के हर वर्ग के लिए काम करती है, लेकिन मुस्लिम समुदाय बीजेपी को वोट नहीं देता। उन्होंने एक मौलवी के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए बताया कि कुछ मुस्लिमों ने आयुष्मान कार्ड मिलने के बावजूद वोट नहीं दिया। गिरिराज सिंह ने स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों का वोट उन्हें नहीं चाहिए।
राजनीतिक बयानबाजी और चुनावी रणनीति
केंद्रीय मंत्री ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि वे हर घर को सरकारी नौकरी देने का झूठा वादा कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास और अन्य योजनाओं के लाभ मुस्लिम समाज को भी मिलने का दावा किया। गिरिराज सिंह ने महागठबंधन और इसके घटक दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस बार अरवल में उनकी पार्टी की जीत तय है।
केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियां
इस दौरान गिरिराज सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि आज प्रत्येक व्यक्ति का जीडीपी 80,000 है और महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए भी सरकार काम कर रही है।
गिरिराज सिंह कहाँ के हैं?
गिरिराज सिंह का जन्म बिहार के लखीसराय जिले के बरहिया कस्बे में रामावतार सिंह और तारा देवी के घर हुआ था। उन्होंने 1971 में मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उनका विवाह उमा सिन्हा से हुआ और उनकी एक बेटी है।
गिरिराज नाम का हिंदी में क्या अर्थ है?
गिरिराज नाम का अर्थ है “पर्वतों का राजा”। यह नाम दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है: ‘गिरि’ (पर्वत) और ‘राज’ (राजा)। इसके अन्य अर्थों में ‘पहाड़ों का स्वामी’ या ‘पर्वतों के भगवान’ शामिल हैं,
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