पटना में आज बुधवार को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक होने जा रही है। उसके बाद देर शाम राहुल गांधी (Rahul Gandhi) होटल चाणक्य में महागठबंधन के प्रमुख नेताओं संग अलग बैठक करेंगे। यह बैठक विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन की रणनीति और सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति बनाने के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है।
सीट बंटवारे की खींचतान
महागठबंधन के भीतर बीते कुछ दिनों से सीटों को लेकर खींचतान जारी है। कांग्रेस चाहती है कि उसे पिछली बार से अधिक सीटें मिलें, जबकि राजद अपने परंपरागत गढ़ वाले इलाकों में किसी भी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं दिख रहा। वामदलों और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) की भी अपनी-अपनी मांगें हैं। ऐसे में राहुल गांधी की मौजूदगी को इस विवाद को सुलझाने और किसी ठोस फार्मूले तक पहुंचने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
एकजुटता का संदेश देने की तैयारी
बैठक के बाद राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन के अन्य नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसे विपक्षी एकजुटता का मजबूत संदेश देने की पहल माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता के बीच एकजुट चेहरा दिखाना महागठबंधन के लिए अनिवार्य है।
साझा चुनावी रोडमैप पर चर्चा
बैठक में केवल सीट बंटवारे ही नहीं, बल्कि साझा चुनावी रणनीति पर भी मंथन होगा। इसमें प्रचार अभियान की रूपरेखा, चुनावी मुद्दों की प्राथमिकता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व एनडीए सरकार की नीतियों के खिलाफ संयुक्त आंदोलन की योजना शामिल है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी महागठबंधन के नेताओं से अपील कर सकते हैं कि वे व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर व्यापक विपक्षी एकता को प्राथमिकता दें।
सभी सहयोगियों की मौजूदगी
इस बैठक में कांग्रेस, राजद और वामदलों के अलावा वीआईपी पार्टी के शीर्ष नेता भी शामिल होंगे। सूत्रों का कहना है कि सभी सहयोगी दलों को एक ही मंच पर लाकर राहुल गांधी यह दिखाना चाहते हैं कि महागठबंधन न केवल चुनावी मोर्चे पर, बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी पूरी तरह तैयार है।
बिहार की राजनीति में नया मोड़
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक और उसके तुरंत बाद महागठबंधन की रणनीतिक चर्चा ने बिहार की राजनीति में नया रंग भर दिया है। कांग्रेस जहां खुद को गठबंधन में निर्णायक भूमिका में दिखाना चाहती है, वहीं राजद भी अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए रणनीति में कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहता।
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