लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश सरकार के मंत्री बाढ़ राहत (Flood Relief) एवं बचाव कार्यों के लिए ग्राउंड जीरो पर उतरे हैं। मंत्रियों (Ministers) ने सोमवार को भी बाढ़ प्रभावित जनपदों का भ्रमण किया। मंत्रियों ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों का भी जायजा लिया, फिर पीड़ितों से संवाद स्थापित किया। बाढ़ पीड़ितों और जरूरतमंदों तक अविलंब सहायता पहुंचाना, राहत सामग्री का निरंतर वितरण करना योगी सरकार की प्राथमिकता है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना व अनिल राजभर ने वाराणसी में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया दौरा
योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना व श्रम-सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने सोमवार को वाराणसी के बाढ़ग्रस्त एरिया का निरीक्षण किया। खन्ना ने प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण भी किया। प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने नमो घाट से नक्की घाट तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करते हुए राहत शिविरों में पहुँचकर पीड़ितों से संवाद किया।
कैबिनेट मंत्री ने किया प्रयागराज के करछना तहसील के कटका डेरा गांव का निरीक्षण
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने सोमवार को प्रयागराज के करछना तहसील के कटका डेरा गांव का निरीक्षण किया। बाढ़ की स्थिति का अवलोकन करने के साथ ही उन्होंने बाढ़ प्रभावितों का कुशलक्षेम जाना। अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में सूखा राशन एवं मवेशियों के लिए चारा की व्यवस्था कराई जाए।
स्वतंत्र देव सिंह व संजय गंगवार ने जालौन में बाढ़ पीड़ितों को परोसा भोजन
योगी सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व राज्यमंत्री संजय गंगवार ने कालपी, जालौन के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरित की। मंत्रियों ने यहां बाढ़ पीड़ितों को भोजन भी परोसा। संजय गंगवार ने माधौगढ़ का भी निरीक्षण किया। मंत्रियों ने राहत सामग्री वितरण के साथ बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना। राज्यमंत्री ने अधिकारियों को त्वरित सहायता सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री स्वयं रख रहे प्रभावित जनपदों पर नजर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं हर प्रभावित जिले की स्थिति पर नजर रखे हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि राहत कार्यों में पारदर्शिता और मानवीय संवेदना को प्राथमिकता दी जाए। राज्य सरकार “हर पीड़ित तक सरकार” की भावना को ज़मीन पर उतारने के लिए संकल्पबद्ध है। जब तक हर पीड़ित तक सहायता नहीं पहुंचती, राहत व पुनर्वास का अभियान निरंतर जारी रहेगा। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीएसी की टीमें सक्रिय हैं। स्थानीय प्रशासन फील्ड में रहकर राहत कार्यों की निगरानी और समन्वय सुनिश्चित कर रहा है।
बाढ़ की परिभाषा क्या है?
बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिसमें किसी क्षेत्र में सामान्य से अधिक मात्रा में पानी भर जाता है, जिससे जन-जीवन प्रभावित होता है। यह तब होती है जब नदियाँ, झीलें या अन्य जल स्रोत अपनी सीमा से बाहर निकल जाते हैं और आसपास के इलाकों को जलमग्न कर देते हैं।
बिहार में कौन सी नदी से बाढ़ आती है?
बिहार में बाढ़ की सबसे बड़ी वजह गंडक, कोसी, घाघरा और बागमती नदियाँ हैं।
विशेष रूप से:
- कोसी नदी को “बिहार की शोक” (Sorrow of Bihar) कहा जाता है, क्योंकि यह अक्सर दिशा बदल देती है और भारी बाढ़ लाती है।
- इसके अलावा, गंगा नदी और उसकी सहायक नदियाँ भी बिहार में बाढ़ का कारण बनती हैं।
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