MP: हाईकोर्ट में आज सुनवाई: NEET-UG में बिजली गुल विवाद

By Surekha Bhosle | Updated: June 23, 2025 • 11:13 AM

4 मई 2025 को NEET-UG परीक्षा के दौरान मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) व उज्जैन के कई केंद्रों पर बिजली चली गई थी। तेज बारिश और हवा की वजह से लगभग 25 केंद्र प्रभावित हुए, जिनमें छात्रों को मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च पर निर्भर होकर परीक्षा देनी पड़ी

इन केंद्रों में पेपर पढ़ना मुश्किल हुआ, जिससे कई छात्र रोते हुए बाहर आए

इंदौर और उज्जैन के सैकड़ों NEET-UG अभ्यर्थियों की निगाहें आज 23 जून को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं। परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने के मामले में कोर्ट यह तय कर सकता है कि प्रभावित छात्रों को दोबारा परीक्षा का मौका मिलेगा या नहीं। इससे पहले NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने NEET-UG का परिणाम घोषित कर दिया है, लेकिन कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले 75 छात्रों का रिजल्ट होल्ड रखा गया है।

मामले में पिछली सुनवाई 9 जून को हुई थी

NTA की ओर से भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, पैनल वकील रूपेश कुमार और डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रोमेश दवे वर्चुअली कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि जिन केंद्रों पर बिजली गई थी, वहां पावर बैकअप की व्यवस्था थी।

लेकिन छात्रों की ओर से वकील मृदुल भटनागर ने इसका खंडन किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि खुद NTA के एक सेंटर ऑब्जर्वर ने रिपोर्ट में लिखा है कि कई परीक्षा केंद्रों पर जनरेटर नहीं थे और वहां पर्याप्त रोशनी भी नहीं थी। उन्होंने उज्जैन के उन 6 केंद्रों की रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करने की मांग की, जहां बिजली कटौती से परीक्षा बाधित हुई थी।

4 मई को आंधी-बारिश के चलते इंदौर और उज्जैन के कई सेंटरों पर बिजली गुल हुई थी, जिससे करीब 600 छात्रों की परीक्षा प्रभावित हुई। इसके बाद छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं लगानी शुरू कीं।

रि-एग्जाम की मांग

याचिकाकर्ता छात्रों की ओर से वकील मृदुल भटनागर ने कोर्ट से आग्रह किया है कि परीक्षा के दौरान जिन केंद्रों पर बिजली गुल हुई थी, वहां परीक्षा देने वाले छात्रों को दोबारा मौका दिया जाए। उनका कहना है कि इंदौर में दो घंटे और उज्जैन में 40 से 45 मिनट तक बिजली नहीं थी। इससे छात्रों की एकाग्रता भंग हुई और वे पूरा पेपर ठीक से नहीं दे सके।

CCTV फुटेज की मांग

छात्रों की ओर से यह मांग भी की गई है कि बिजली गुल होने की स्थिति के CCTV फुटेज कोर्ट में पेश किए जाएं। साथ ही, रिजल्ट जारी करने की तारीख आगे बढ़ाने की मांग भी की गई थी।

NTA का पक्ष

NTA ने पहले बताया कि इंदौर के 24 सेंटर प्रभावित हुए, लेकिन बाद में कहा कि इंदौर के 18 और उज्जैन के 6 सेंटरों पर असर पड़ा। कुल मिलाकर इन 24 सेंटरों पर 2000 से ज्यादा छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। NTA का दावा है कि उसने केंद्रों पर जनरेटर और कैंडल के जरिए पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की थी, जिससे छात्रों को कोई असुविधा नहीं हुई।

हालांकि, कोर्ट में पेश एक रिपोर्ट में खुद NTA ने माना है कि कई सेंटरों पर बिजली आपूर्ति बाधित रही थी। NTA ने कोर्ट से यह भी कहा था कि वह एक जांच समिति बनाकर रि-एग्जाम पर निर्णय लेगी।

आज की सुनवाई अहम

आज की सुनवाई में यह तय हो सकता है कि क्या प्रभावित छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा? क्या सिर्फ उन छात्रों को राहत मिलेगी जिन्होंने याचिका लगाई है? या फिर कोर्ट NTA को कोई दिशा-निर्देश देगा? छात्रों और अभिभावकों को हाईकोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार है। यह फैसला हजारों छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।

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