दिल्ली सरकार को जारी किया नोटिस
दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने राष्ट्रीय राजधानी में भूकंप आने की स्थिति में न्यूनतम नुकसान के लिए भूकंपरोधी इमारतें बनाने की दिशा में कदम उठाने का निर्देश संबंधी याचिका पर बुधवार को दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों को याचिका पर वस्तुस्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिका में ‘‘भूकंप के दुष्प्रभावों से दिल्लीवासियों को बचाने के लिए’’ नीतियां और दिशानिर्देश बनाने का भी अनुरोध किया गया है।
सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने का अनुरोध
अधिवक्ता अर्पित भार्गव द्वारा दायर याचिका में न्यायालय से यह भी आग्रह किया गया है कि भूकंप (Earthquake) जैसी आपदा से आम जनता को बचाने के लिए उपचारात्मक उपाय करने में देरी होने पर सरकार और अन्य संबंधित प्राधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। याचिका में भूकंप से संबंधित कानूनों को मजबूत करने, समयबद्ध तरीके से उनका क्रियान्वयन करने तथा नीतियों के क्रियान्वयन में देरी की स्थिति में सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने आदि का अनुरोध किया गया है।
भारत का सबसे बड़ा हाईकोर्ट कौन सा है?
क्षेत्रफल और न्यायाधिकार क्षेत्र के आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट भारत का सबसे बड़ा हाईकोर्ट माना जाता है। इसकी स्थापना 1949 में हुई थी और मुख्यालय जोधपुर में स्थित है, जबकि जयपुर में इसकी पीठ है। यह पूरे राजस्थान राज्य के मामलों की सुनवाई करता है, इसलिए इसे सबसे बड़ा माना जाता है।
दिल्ली में सबसे बड़ी कोर्ट कौन सी है?
Delhi में सबसे बड़ी अदालत दिल्ली हाईकोर्ट है। इसकी स्थापना 1966 में की गई थी और यह राजधानी में उच्चतम स्तर की न्यायिक संस्था है। सुप्रीम कोर्ट के बाद दिल्ली में सभी बड़े मामलों की सुनवाई यहीं होती है। यह न्यायालय राष्ट्रीय महत्व के कई संवैधानिक और प्रशासनिक मामलों को देखता है।
दिल्ली में कुल कितने न्यायालय हैं?
Delhi में कुल 7 जिला न्यायालय परिसर हैं, जिनमें सैकड़ों अदालतें कार्यरत हैं। ये अदालतें अलग-अलग क्षेत्रों जैसे साकेत, कड़कड़डूमा, द्वारका, पटियाला हाउस, रोहिणी, राउज एवेन्यू और तिहाड़ में स्थित हैं। इनका कार्यभार आपराधिक, दीवानी, पारिवारिक और अन्य कानूनी मामलों के निपटारे से संबंधित है।
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