Latest News : भारत में बाल दिवस मनाने की कैसे हुई शुरुआत?

By Surekha Bhosle | Updated: November 14, 2025 • 12:10 PM

जवाहरलाल नेहरू की मौत से 10 साल पहले ही मनाया जाने लगा था ‘बाल दिवस

भारत में 14 नवंबर को बाल दिवस (children’s Day) मनाया जाता है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों में भारत का भविष्य देखते थे और उनसे स्नेह रखते थे। उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य है इसलिए उन्हें प्यार दिया जाना और उनकी देखभाल करना जरूरी है। बच्चे प्यार से पंडित जी को चाचा नेहरू बुलाते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाल दिवस को नेहरू की जयंती से 10 साल पहले ही मनाया जाना शुरू हो गया था? आइए आपको बताते हैं कि आखिर बाल दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई और ये क्यों मनाया जाता है।

वैसे तो 1925 से बाल दिवस मनाया जाने लगा था लेकिन इसकी कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी। यूएन ने पहली बार 20 नवंबर 1954 को बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। हालांकि, अलग-अलग देशों में बाल दिवस को अलग-अलग दिन/तारीखों को मनाया जाता है 

बाल दिवस मनाने की कैसे हुई शुरुआत?

भारत में बाल दिवस मनाने की शुरुआत (1956) से हुई थी। उस समय इसे ‘बाल दिवस’ नहीं बल्कि ‘बाल कल्याण दिवस’ के नाम से मनाया जाता था। इसे मनाने का उद्देश्य बच्चों के प्रति जागरूकता फैलाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना था।

1956 में भारत सरकार ने बच्चों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। हालांकि, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे और उन्हें ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जाना जाता था। उनकी मौत के बाद यानी 1964 के बाद संसद ने उनकी जयंती को देश में आधिकारिक बाल दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया। तब से देश में 14 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन बच्चों को बहुत प्यार दिया जाता है।

14 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है बाल दिवस?

पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था। जब भी उन्हें वक्त मिलता वो बच्चों के बीच जाते और उनसे बातें करते। उनके निधन के बाद ये सब कुछ थम गया था। इसीलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया। जिससे हर साल बच्चें उन्हें अपने बीच पाएं और आने वाली पीढ़ी बच्चों के लिए उनके प्यार को समझ पाए। पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहबाद में हुआ था।

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क्यों मनाया जाता है बाल दिवस?

बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों के महत्व को जगजाहिर करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि बच्चे देश का भविष्य हैं। साथ ही उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक अवसर हैं जैसे बच्चों के शिक्षा का अधिकार, स्वस्थ रहने का अधिकार और सुरक्षित वातावरण में रहने का अधिकार।

बाल दिवस हमें बच्चों के प्रति समाज को उनके दायित्व की भी याद दिलाता है कि समाज को बच्चों से प्यार करना चाहिए, साथ ही उनकी सुरक्षा भी करनी चाहिए। साथ ही समाज को यह भी याद दिलाता है कि उन्हें बच्चों के विकास पर काम करना चाहिए जिससे उनका सही से विकास हो सके।

इतिहास क्या है बाल दिवस का?

भारत में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन, 14 नवंबर, को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके विकास एवं शिक्षा के महत्व को उजागर करना है।

बाल दिवस की कहानी क्या है?

भारत में बाल दिवस देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। नेहरू जी को बच्चों से बहुत लगाव था। बच्चे उन्हें प्यार से ‘चाचा नेहरू’ कहकर पुकारते थे। उनका मानना था कि “आज के बच्चे कल का भारत हैं, इन्हें प्यार, शिक्षा और समझदारी के साथ बढ़ाना ही सच्चा राष्ट्र निर्माण है।6

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