PM नरेन्द्र मोदी के निजी सचिव कैसे बनते हैं?

By digital | Updated: May 2, 2025 • 12:14 PM

इंडिया के प्रधानमंत्री के साथ काम करना देश की सबसे प्रतिष्ठित जवाबदेही में से एक माना जाता है। इस पद के सबसे करीबी और गोपनीय पदों में से एक है – प्रधानमंत्री का निजी सचिव। यह भूमिका न केवल बेहद भरोसेमंद है, बल्कि इसमें प्रशासनिक कुशलता, गोपनीयता और नीति-निर्माण की समझ भी आवश्यक होती है।

निजी सचिव बनने की योग्यता

प्रधानमंत्री के निजी सचिव के पद पर वही अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं जो आईएएस या आईएफएस कैडर से आते हैं। इसके लिए कैंडिडेट्स को यूपीएससी सिविल सेवा इम्तिहान पास करनी होती है। यह इम्तिहान तीन हिस्सा में होती है:

इस इम्तिहान में कामयाबी पाने के लिए प्रत्याशी को इतिहास, भूगोल, करंट अफेयर्स, संविधान, अर्थव्यवस्था, विज्ञान आदि की गहराई से प्रबन्ध करनी पड़ती है। इम्तिहान में बैठने के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक है।

निधि तिवारी बनीं प्रधानमंत्री की निजी सचिव

हाल ही में आईएफएस ओहदेदार निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नया निजी सचिव नियुक्त किया गया है। निधि तिवारी 2014 बैच की अधिकारी हैं और उन्होंने सिविल सेवा इम्तिहान 2013 में 96वीं रैंक प्राप्त की थी। इससे पहले वे प्रधानमंत्री कार्यालय में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में ऑपरेशन कर चुकी हैं।

निधि तिवारी की नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि इस पद पर वही ओहदेदार नियुक्त होते हैं जिनका प्रशासनिक अनुभव दृढ़ और पृष्ठभूमि भरोसेमंद होती है।

प्रधानमंत्री के निजी सचिव की कर्तव्य

प्रधानमंत्री के निजी सचिव की कर्तव्य सिर्फ शेड्यूल बनाना नहीं है। इस पद पर कार्यरत ओहदेदार:

वेतन और सुविधाएं

प्रधानमंत्री के निजी सचिव को केंद्र गवर्नमेंट के पे मैट्रिक्स लेवल-14 के मुताबिक वेतन मिलता है, जो लगभग ₹1,44,200 प्रति माह होता है। इसके अलावा उन्हें निम्नांकित भत्ते मिलते हैं:

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