National : वर्दी में हैं तो जाति-धर्म और पूर्वाग्रह को त्यागना होगा : सुप्रीम कोर्ट

By Anuj Kumar | Updated: September 12, 2025 • 12:30 PM

नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि जब पुलिस अधिकारी वर्दी पहनते हैं, तो उन्हें अपने व्यक्तिगत और धार्मिक झुकाव, पूर्वाग्रह और किसी भी प्रकार के भेदभाव को त्यागना चाहिए। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र के अकोला में 2023 में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान हत्या के कथित मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) बनाने का आदेश दिया। इस दल में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।

घटना की पृष्ठभूमि

मई 2023 में अकोला के पुराने शहरी क्षेत्र में सोशल मीडिया (Social Media) पर एक धार्मिक पोस्ट वायरल होने के बाद झड़पें शुरू हो गई थीं। इस घटना में विलास महादेवराव गायकवाड़ की मौत हो गई और याचिकाकर्ता समेत आठ लोग घायल हुए थे। प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद अफज़ल ने बताया कि चार लोगों ने गायकवाड़ पर तलवार, लोहे के पाइप और अन्य हथियारों से हमला किया।

पुलिस की लापरवाही पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी

पीठ ने महाराष्ट्र पुलिस पर कर्तव्यहीनता और प्राथमिकी दर्ज न करने की गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के गृह विभाग से कहा कि संवेदनशील मामलों में पुलिस कर्मचारियों को निर्देश और प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे अपने कर्तव्यों का सही निर्वहन कर सकें।

मुस्लिम समझकर ऑटो चालक की हत्या

अफज़ल ने दावा किया कि हमलावरों ने ऑटो चालक गायकवाड़ की हत्या इसलिए की क्योंकि उसे गलती से मुसलमान समझ लिया गया था। उन्होंने बताया कि उनके वाहन को क्षतिग्रस्त किया गया और उनके सिर और गर्दन पर हमला किया गया, बावजूद इसके पुलिस ने प्रॉपर प्राथमिकी दर्ज नहीं की।

एसआईटी रिपोर्ट तीन महीने में सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी होगी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस विशेष जांच दल की जांच रिपोर्ट तीन महीने के भीतर न्यायालय में पेश की जाएगी, ताकि इस गंभीर घटना में न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

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