India के स्वतंत्र फैसलों से परेशान हुआ अमेरिका हॉवर्ड लुटनिक ने जताई नाराजगी
हाल ही में अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भारत की विदेश और व्यापार नीतियों को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि India अब अमेरिका की बातों को अनदेखा करते हुए स्वतंत्र फैसले ले रहा है, जो कि वाशिंगटन के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है।
लुटनिक के बयान ने दोनों देशों के बीच के कूटनीतिक रिश्तों में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।
India की स्वतंत्र नीति से क्या दिक्कत है अमेरिका को?
भारत ने हाल ही में कई ऐसे कदम उठाए हैं जिनसे अमेरिका असहज महसूस कर रहा है:
- रूस से ऊर्जा खरीद जारी रखना
- चीन से रणनीतिक दूरी बनाए रखना लेकिन आर्थिक संबंध सीमित करना
- WTO और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्वतंत्र राय रखना
- तकनीकी और डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना
अमेरिका चाहता है कि भारत उसकी वैश्विक रणनीति का हिस्सा बने, लेकिन India अपनी प्राथमिकताओं को आधार बनाकर फैसले ले रहा है।
हॉवर्ड लुटनिक का पूरा बयान
हॉवर्ड लुटनिक ने एक व्यापारिक सम्मेलन में कहा:
“भारत अब हमारी हर सलाह को चुनौती देने लगा है। वे रूस से डील कर रहे हैं, चीन पर अपने तरीके से दबाव बना रहे हैं और व्यापार के हर मसले पर अपनी स्वतंत्र सोच थोप रहे हैं।”
उनका ये बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि अमेरिका अब भारत की नई रणनीतिक सोच से संतुलन नहीं बना पा रहा है।
India की नीति पर भारत का रुख
भारत की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि:
- भारत “India First” नीति पर काम करता है
- वैश्विक दबाव में आकर निर्णय नहीं लिए जाते
- हर सहयोग केवल समानता और पारस्परिक लाभ के आधार पर किया जाएगा
विशेषज्ञों की राय
विश्लेषकों का मानना है कि:
- भारत अब उभरती वैश्विक शक्ति है, और अपने हितों को प्राथमिकता दे रहा है
- अमेरिका को भारत की भूमिका को एक स्वतंत्र साझेदार के रूप में स्वीकार करना होगा
- यह टकराव नहीं बल्कि संतुलन की तलाश है
India अब वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास के साथ अपनी स्थिति बना रहा है। अमेरिका की चिंता यह है कि वह भारत को रणनीतिक दिशा में नियंत्रित नहीं कर पा रहा। हॉवर्ड लुटनिक के बयान से साफ है कि अमेरिका को भारत की नई विदेश नीति स्वीकार करने में समय लगेगा, लेकिन यही भारत की असली ताकत बनकर उभर रही है।