Latest Hindi News : फिलीस्तीन मुद्दे पर अब भारत को नेतृत्व का परिचय देना चाहिए : सोनिया गांधी

By Anuj Kumar | Updated: September 25, 2025 • 1:42 PM

नई दिल्ली,। सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने गुरुवार को फिलीस्तीन के मुद्दे पर केंद्र सरकार के रुख की आलोचना की और कहा कि अब भारत को इस वैश्विक संकट में नेतृत्व का परिचय देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की प्रतिक्रिया और ‘गहरी चुप्पी’ मानवता और नैतिकता दोनों का परित्याग है।

व्यक्तिगत मित्रता पर आधारित विदेश नीति

सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार के कदम मुख्य रूप से भारत के संवैधानिक मूल्यों या सामरिक हितों के बजाय इजराइली पीएम नेतन्याहू और पीएम मोदी (PM Modi) की व्यक्तिगत मित्रता से प्रेरित प्रतीत होते हैं। उन्होंने व्यक्तिगत कूटनीति की इस शैली को अस्वीकार्य बताया और कहा कि यह भारत की विदेश नीति का मार्गदर्शक नहीं हो सकती।

फिलीस्तीन राष्ट्र को मान्यता और अंतरराष्ट्रीय समर्थन

सोनिया ने बताया कि फ्रांस ने फिलीस्तीन राष्ट्र को मान्यता दी है, और ब्रिटेन, कनाडा, (Canada) पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया इसके साथ शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 150 से ज्यादा देशों ने फिलीस्तीन को मान्यता दी है। भारत ने सालों से फिलीस्तीन मुक्ति संगठन का समर्थन किया और 18 नवंबर, 1988 को औपचारिक रूप से फिलीस्तीन राष्ट्र को मान्यता दी थी।

भारत का ऐतिहासिक नेतृत्व और मानवाधिकारों की रक्षा

सोनिया गांधी ने उदाहरण देते हुए बताया कि भारत ने आजादी से पहले दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का मुद्दा उठाया, अल्जीरियाई स्वतंत्रता संग्राम में समर्थन दिया और 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार रोकने के लिए हस्तक्षेप किया, जिससे आधुनिक बांग्लादेश का जन्म हुआ।

संवेदनशील मुद्दों पर भारत की प्रतिबद्धता

सोनिया ने कहा कि इजराइल-फलस्तीन विवाद जैसे संवेदनशील मामलों पर भारत ने लंबे समय से संवेदनशील, लेकिन सैद्धांतिक रुख अपनाया है और शांति एवं मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखी है

जवाहरलाल नेहरू की सोनिया गांधी कौन थीं?

नेहरू–गांधी परिवार के चौथे सदस्य राजीव गान्धी के पुत्र राहुल गान्धी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। वर्तमान में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी हैं “जो कि इटली की रहने वाली थी”राजीव गांधी से शादी करने के बाद सोनिया गांधी भारत की नागरिक है।

गांधी की कितनी पत्नियां थीं?

1883 में, महात्मा गांधी ने कस्तूरबा (जन्म कस्तूरबाई माखनजी कपाड़िया) से विवाह किया। 1885 में उनका पहला बच्चा हुआ, जो कुछ ही दिनों तक जीवित रहा। 

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