Latest Hindi News : भारतीय सेना : ड्रोन, रोबोट और मिसाइल से विश्व को चौंकाने की तैयारी

By Anuj Kumar | Updated: September 28, 2025 • 10:23 AM

नई दिल्ली। भारतीय सेना आने वाले वर्षों में विश्व को अपनी अत्याधुनिक तकनीकी ताकत से चौंकाने वाली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ऐसे ह्यूमनॉइड रोबोट तैयार कर रहा है, जो युद्धक्षेत्र में सैनिकों की तरह काम कर सकेंगे और खतरनाक मिशनों में उनकी जान को जोखिम से बचाएंगे

2027 तक सेना में रोबोटिक सैनिक

आधिकारिक जानकारी अनुसार इस परियोजना पर पुणे स्थित रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (इंजीनियर्स) प्रयोगशाला काम कर रही है। इसका लक्ष्य 2027 तक भारतीय सेना को इन उन्नत रोबोटिक सैनिकों से लैस करना है।

कठिन इलाकों में भी सक्षम

बताया जा रहा है कि ये रोबोट (Robot) मानव जैसी बनावट और गतिविधियों से लैस होंगे। ये जंगल, पहाड़ और रेगिस्तान जैसे कठिन इलाकों में तैनात किए जा सकेंगे। इनकी खासियत यह होगी कि ये विस्फोटक और खतरनाक सामग्रियों को संभालने के साथ ही निष्क्रिय करने, बाधाएं पार करने, दरवाजे व वाल्व खोलने जैसे जटिल कार्य आसानी से कर सकेंगे।

संतुलन और वस्तुओं को नियंत्रित करने की क्षमता

इसके अलावा, ये इंसानों की तरह चलने, संतुलन बनाने और वस्तुओं को पकड़ने व लाने-लेजाने में सक्षम होंगे। रोबोट में अत्याधुनिक सेंसर और डेटा फ्यूजन (Data Fuison) तकनीक होगी, जिससे यह अपने आसपास के माहौल को समझ सकेगा। इसमें 24 डिग्री ऑफ फ्रीडम वाले हल्के हाथ लगाए जाएंगे, जिनसे यह खतरनाक सामग्रियों को सुरक्षित तरीके से नियंत्रित कर सकेगा। रोबोट में फॉल और पुश रिकवरी की क्षमता भी होगी, यानी गिरने या धक्का लगने पर यह खुद को संभाल सकेगा।

दिन-रात हर परिस्थिति में काम करेगा

यह ह्यूमनॉइड रोबोट दिन और रात, घर के अंदर व बाहर दोनों परिस्थितियों में काम करेगा। इसमें ऑडियो-विजुअल धारणा प्रणाली होगी, जिससे यह देखने और सुनने की क्षमता रखेगा। इसके अलावा, सिमुल्टेनियस लोकलाइजेशन एंड मैपिंग (स्लम) तकनीक के जरिए यह स्वायत्त रूप से रास्ता तय कर सकेगा और वास्तविक समय में नक्शा तैयार कर सकेगा।

रक्षा से परे संभावनाएं

डीआरडीओ का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट केवल रक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे ह्यूमनॉइड रोबोट स्वास्थ्य सेवा, अंतरिक्ष अन्वेषण और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।

भारत को मिलेगा वैश्विक नेतृत्व

इस तकनीक के सफल होने पर भारत न केवल अपनी सैन्य क्षमता को नए स्तर पर ले जाएगा बल्कि वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी अग्रणी स्थान हासिल करेगा। इस तरह भारतीय सेना के ड्रोन, मिसाइलों और ह्यूमनॉइड रोबोट से विश्व चौंकेगा। स्पष्ट है कि 2027 तक भारतीय सेना का चेहरा बदलने जा रहा है और रोबोटिक सैनिकों की तैनाती के बाद देश की सीमाएं और अधिक सुरक्षित हो सकेंगी।

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