नई दिल्ली। दिल्ली में हुए कार धमाके ने एक बार फिर पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terrorist Attack ) की यादें ताजा कर दी हैं। यदि यह धमाका वाकई आतंकी साजिश का हिस्सा निकला, तो इसके तार सीधे जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़ सकते हैं। चर्चा में अब वीबीआईईडी (Vehicle Borne Improvised Explosive Devices) यानी वाहनों में विस्फोटक भरकर किए जाने वाले हमले का जिक्र हो रहा है।
क्या है वीबीआईईडी तकनीक?
वीबीआईईडी का अर्थ है — व्हीकल बोर्न इंप्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस। इस तकनीक के तहत आतंकी किसी गाड़ी में विस्फोटक लादकर टारगेट वाली जगह तक पहुंचते हैं और फिर उसे उड़ा देते हैं।
भारत में इस तरह का सबसे बड़ा हमला पुलवामा अटैक (2019) था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। अब दिल्ली धमाके को लेकर इस रणनीति की पुनः चर्चा हो रही है।
फरीदाबाद में टेरर मॉड्यूल का खुलासा
दिल्ली में धमाका ऐसे समय हुआ है जब जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने हाल ही में फरीदाबाद से एक टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था। जांच में पता चला कि वहां 350 किलो विस्फोटक बरामद किया गया था। इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन डॉक्टर भी शामिल हैं। इन लोगों के पास से हथियारों और विस्फोटकों का बड़ा जखीरा मिला है।
पेशेवर आतंकियों से बढ़ी एजेंसियों की मुश्किलें
जांच एजेंसियों के लिए यह मामला इसलिए चुनौतीपूर्ण है क्योंकि इसमें शामिल कई लोग शिक्षित और पेशेवर पृष्ठभूमि से हैं। आमतौर पर ऐसे लोग समाज में सम्मानित माने जाते हैं, जिससे उन पर संदेह करना मुश्किल हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई आतंकी वाहन लेकर निकल जाए, तो उसे रोकना और पहचानना बेहद कठिन हो जाता है।
पुरानी साजिशों से मिलते-जुलते संकेत
इससे पहले 2010 में दिल्ली की जामा मस्जिद के पास भी बम मिलने की घटना हुई थी, जिसमें इंडियन मुजाहिदीन (Indian Muzzahidin) शामिल था। अब दिल्ली धमाके में जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, वे एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चेतावनी साबित हो सकते हैं।
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