National : सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम फैसले से जस्टिस नागरत्ना ने असहमति जताई

By Anuj Kumar | Updated: August 26, 2025 • 1:50 PM

नई दिल्ली,। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) के चीफ जस्टिस आलोक अराधे और पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल एम पंचोली को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने की सिफारिश की, लेकिन इस फैसले पर जस्टिस बीवी नागरत्ना ने असहमति नोट दर्ज कर अपनी नाराजगी जताई।

पंचोली की नियुक्ति पर विरोध

नागरत्ना ने कहा कि जस्टिस पंचोली की नियुक्ति न्याय प्रशासन के लिए उल्टा असर डाल सकती है और कॉलेजियम सिस्टम की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ सकती है। उनका विरोध खास तौर पर जस्टिस पंचोली के 2023 में गुजरात से पटना हाईकोर्ट (Patna Highcourt) तबादले की परिस्थितियों को लेकर था। उन्होंने गोपनीय दस्तावेज देखने की मांग की और कहा कि पंचोली वरिष्ठता और प्रतिनिधित्व के मामले में अन्य योग्य जजों से पीछे हैं।

कॉलेजियम का विवरण

पांच सदस्यीय कॉलेजियम में चीफ जस्टिस बीआर गवई, (Justice B R Gawai) जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस नागरत्ना शामिल थे। चार ने पंचोली की सिफारिश का समर्थन किया, जबकि जस्टिस नागरत्ना ने असहमति जताई। मई में भी उन्होंने पंचोली की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी और उनकी जगह जस्टिस एनवी अंजारिया को सुप्रीम कोर्ट भेजा गया था।

महिला प्रतिनिधित्व पर चिंता

जस्टिस नागरत्ना इस समय सुप्रीम कोर्ट में अकेली महिला जज हैं। उनके अनुसार हाल की नियुक्तियों में कोई महिला शामिल नहीं की गई, जो कोर्ट की लैंगिक संतुलन और पारदर्शिता के लिए चिंता का विषय है।

पंचोली और अराधे का प्रोफाइल

जस्टिस नागरत्ना ने यह भी आग्रह किया कि उनका असहमति नोट सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाए ताकि फैसला प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहे।

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