पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 1 अगस्त 2025 को बॉलीवुड अभिनेत्री और मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut)को बड़ा झटका दिया। कोर्ट ने 2021 के किसान आंदोलन के दौरान एक महिला किसान पर की गई उनकी टिप्पणी से संबंधित मानहानि मामले को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। अब कंगना को बठिंडा की स्थानीय अदालत में इस मामले में मुकदमे का सामना करना होगा।
मामला 2021 में शुरू हुआ, जब कंगना ने एक ट्वीट में बठिंडा की 73 वर्षीय किसान महिंदर कौर को शाहीन बाग की “दादी” बिलकिस बानो के रूप में पहचाना और दावा किया कि ऐसी प्रदर्शनकारी 100 रुपये में किराए पर उपलब्ध हैं। इस ट्वीट को बाद में हटा लिया गया था, लेकिन महिंदर कौर ने इसे अपमानजनक बताते हुए बठिंडा की मजिस्ट्रेट अदालत में कंगना के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। कौर ने आरोप लगाया कि कंगना की टिप्पणी ने उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई और समाज में उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया।
फरवरी 2022 में, बठिंडा की अदालत ने कंगना को समन जारी किया था। इसके खिलाफ कंगना ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें इस शिकायत को रद्द करने की मांग की गई थी। कंगना के वकील ने तर्क दिया कि यह मामला दुर्भावनापूर्ण था और उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करता था। हालांकि, हाई कोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता, जो एक सेलिब्रिटी हैं, के खिलाफ विशिष्ट आरोप हैं कि उनके रीट्वीट में की गई झूठी और अपमानजनक टिप्पणियों ने शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई और उनकी नजरों में और दूसरों की नजरों में उनकी छवि को कम किया।” कोर्ट ने माना कि शिकायतकर्ता का अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए मुकदमा दायर करना दुर्भावनापूर्ण नहीं है।
इसके अलावा, कंगना के खिलाफ जावेद अख्तर द्वारा दायर एक अन्य मानहानि मामला भी सुर्खियों में रहा था, जो फरवरी 2025 में मध्यस्थता के जरिए सुलझ गया था। उस मामले में कंगना ने माफी मांगकर अपने बयानों को वापस लिया था। लेकिन किसान आंदोलन से जुड़े इस मामले में हाई कोर्ट के फैसले ने कंगना की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब उन्हें बठिंडा कोर्ट में इस मामले की सुनवाई का सामना करना होगा, जिसकी तारीख जल्द तय होने की उम्मीद है।
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