नई दिल्ली,। आधार कार्ड में सुधार कराने की फीस अब बढ़ने जा रही है। 1 अक्टूबर 2025 से सामान्य सुधार के लिए 75 रुपये और बायोमैट्रिक अपडेट (Biometric Update) जैसे फिंगरप्रिंट (Fingerprint) आइरिस या फोटो बदलने पर 125 रुपये शुल्क देना होगा।
बच्चों के अपडेट पर भी शुल्क
7 से 17 वर्ष के बच्चों के बायोमैट्रिक अपडेट पर भी अब 125 रुपये देना होगा। हालांकि, नया आधार बनवाने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। ग्रामीण और छोटे शहरों में रहने वाले लोगों के लिए यह अतिरिक्त बोझ साबित हो सकता है।
10 साल पुराने आधार पर अनिवार्य अपडेट
यूआईडीएआई (UIDAIE) के सीईओ भुवनेश्वर कुमार ने कहा है कि 1 अक्टूबर 2025 से 10 साल पुराने आधार कार्ड का अपडेट कराना अनिवार्य होगा। जो लोग बीते दस वर्षों में आधार अपडेट नहीं कराए हैं, उन्हें दस्तावेज जमा करके नया शुल्क देना होगा।
कैसे करा सकेंगे अपडेट
अपडेट के लिए यूआईडीएआई वेबसाइट या एम-आधार एप का इस्तेमाल किया जा सकता है। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से लॉगिन कर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
- बायोमैट्रिक अपडेट: 50 रुपये
- डेमोग्राफिक सुधार: 30 रुपये
5 से 7 साल के बच्चों और 15 से 17 साल के किशोरों को कोई फीस नहीं देनी होगी। पहले यह 50 रुपये थी।
समय पर अपडेट न कराने पर खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय पर अनिवार्य अपडेट नहीं कराया गया तो आधार कार्ड अवैध माना जा सकता है।
आधार कार्ड पर बदले नियम
15 अगस्त 2025 से नए आधार कार्ड पर 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए पिता या पति का नाम कार्ड पर नहीं दिखेगा। यह जानकारी केवल यूआईडीएआई के रिकॉर्ड में सुरक्षित रहेगी। इसके अलावा:
- आधार कार्ड पर जन्मतिथि अब केवल वर्ष के रूप में होगी।
- कार्ड से ‘केयर ऑफ’ कॉलम हटा दिया गया है।
- कार्ड पर केवल नाम, उम्र और पता दिखाई देगा।
प्राइवेसी पर जोर
यूआईडीएआई का कहना है कि इन बदलावों का मकसद लोगों की प्राइवेसी को सुरक्षित रखना और अनावश्यक झंझटों को कम करना है।
आधार कार्ड का मालिक कौन है?
आधार कार्ड का “मालिक” कोई एक व्यक्ति नहीं है, बल्कि भारत के प्रत्येक नागरिक के पास अपना आधार कार्ड होता है, जिसमें उनकी अपनी विशिष्ट पहचान संख्या दर्ज होती है. आधार कार्ड को जारी करने और प्रबंधित करने की जिम्मेदारी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की है, जो भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक प्राधिकरण है.
भारत के किस राज्य में आधार कार्ड नहीं बनता है?
भारत के असम राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों के लिए पहली बार आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया अगस्त 2025 में बंद कर दी गई है, ताकि बाहरी घुसपैठ को रोका जा सके। यह निर्णय राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया है
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