हादसे से पूरा इलाका सदमे में
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में हुए दर्दनाक हादसे में 18 लोगों की जान चली गई। यह हादसा इतना भीषण था कि पूरे क्षेत्र में शोक और स्तब्धता का माहौल है।
बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर (Bilaspur) में एक बस भूस्खलन की चपेट में आ गई। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई। बस में कुल 30 लोग सवार थे। इस घटना पर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने दुख जताया है।
राष्ट्रपति ने कही ये बात
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने कहा, “बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण हुई बस दुर्घटना में कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है। अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”
पीएम मोदी ने भी जताया दुख
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट कर बताया, पीएम मोदी ने कहा, “हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हुई दुर्घटना में लोगों की मौत से दुखी हूं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं। प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।”
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अमित शाह का बयान आया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में भूस्खलन के कारण हुए बस हादसे से मन अत्यंत दुखी है। NDRF की टीमें घटना स्थल पर पहुंच चुकी हैं और बचाव कार्य में लगीं हैं। इस हादसे में जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। साथ ही, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
सीएम सुक्खू ने जताया दुख
हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा, “बिलासपुर जिले के झंडूता विधानसभा क्षेत्र के बालूघाट (भल्लू पुल) के पास हुए भीषण भूस्खलन की खबर ने मन को भीतर तक झकझोर दिया है।
इस भारी भूस्खलन में एक प्राइवेट बस के चपेट में आने से कई लोगों के निधन का दुखद समाचार मिला है और कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है। अधिकारियों को पूरी मशीनरी लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
मैं स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहा हूं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति दें और शोकाकुल परिवारों को संबल प्रदान करें। इस कठिन घड़ी में मैं सभी प्रभावित परिवारों के साथ हूं।”
भारत में सबसे अधिक भूस्खलन कहाँ होता है?
भारत में हिमालयी क्षेत्र भूस्खलन के लिए सबसे अधिक संवेदनशील है। पूर्वोत्तर क्षेत्र इस प्राकृतिक आपदा से अत्यधिक प्रभावित होता है। भारत में हिमालयी क्षेत्र भूस्खलन के लिए सबसे अधिक संवेदनशील है।
भूस्खलन कितने प्रकार के होते हैं?
भूस्खलन को आम तौर पर गति के प्रकार (ध्वंस, प्रवाह, फैलाव, ढहना या गिरना) और सामग्री के प्रकार (चट्टान, मलबा या मिट्टी) के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
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