Latest News : नालंदा में सरकारी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द

By Surekha Bhosle | Updated: October 13, 2025 • 11:45 AM

विधानसभा चुनाव और त्योहारों को देखते हुए प्रशासन का बड़ा फैसला

बिहार के नालंदा जिले में प्रशासन ने सभी सरकारी अधिकारियों और (employee holidays) कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। यह निर्णय आगामी विधानसभा चुनाव और त्योहारी सीजन के मद्देनज़र लिया गया है।

नालंदा में जिला प्रशासन बिहार (Nalanda) विधानसभा चुनाव को लेकर अलर्ट मोड में हैं। सभी स्तर के पदाधिकारियों की छुट्टियां अगले आदेश तक के लिए रद्द कर दी गई है। जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं

7 अक्टूबर 2025 से जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है, जो चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान प्रशासनिक तंत्र को पूरी तरह सक्रिय और सतर्क रखने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।

जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है। दीपावली और छठ पर्व जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान भी प्रशासनिक और कानून व्यवस्था की दृष्टि से किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जाएगी। यह निर्णय विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि त्योहारों के समय आमतौर पर सार्वजनिक गतिविधियां बढ़ जाती हैं और प्रशासनिक सतर्कता की अधिक आवश्यकता होती है।

तीनों स्तरों के अधिकारियों के लिए सख्त दिशा-निर्देश

जारी आदेश में जिला स्तरीय, अनुमंडल स्तरीय और प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे छुट्टी के दिनों में भी अपने-अपने मुख्यालयों पर मौजूद रहें। अपने निर्धारित दायित्वों का निर्वहन करें। यह व्यवस्था चुनावी प्रक्रिया की सुचारू संचालन और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए की गई है।

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आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि विशेष परिस्थितियों में यदि किसी अधिकारी को मुख्यालय छोड़ना आवश्यक हो, तो उसे जिला पदाधिकारी से पूर्व स्वीकृति लेनी अनिवार्य होगी। बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़ने को गंभीरता से लिया जाएगा। ऐसे मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

चुनाव और त्योहार: दोहरी चुनौती

इस बार चुनाव में परिस्थिति विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है। विधानसभा चुनाव और प्रमुख त्योहार लगभग साथ-साथ आ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन को एक ओर चुनावी प्रक्रिया की निगरानी करनी है। दूसरी ओर त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखना भी आवश्यक है। दीपावली और छठ पर्व के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ जुटती है, जिससे प्रशासनिक चुनौतियां बढ़ जाती हैं।

नालंदा का इतिहास क्या है?

नालंदा एक प्रशंसित महाविहार था, जो भारत में प्राचीन साम्राज्य मगध (आधुनिक बिहार) में एक बड़ा बौद्ध मठ था। यह साइट बिहार शरीफ शहर के पास पटना के लगभग 95 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में स्थित है, और पांचवीं शताब्दी सीई से 1200 सीई तक सीखने का केंद्र था। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।

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