Latest News :  सिंगल पिलर पर बनेगा लखनऊ का 6-लेन फ्लाईओवर

By Surekha Bhosle | Updated: September 24, 2025 • 12:30 PM

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में बढ़ती ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक बड़ी सौगात आने वाली है. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने अयोध्या रोड पर पॉलीटेक्निक चौराहा से किसान पथ तक 7.7 किलोमीटर लंबे 6-लेन फ्लाईओवर के निर्माण की तैयारी पूरी कर ली है. एलडीए ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) उत्तर प्रदेश सेतु निगम को भेज दी है

इससे न केवल लखनऊवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि गोंडा, बहराइच, (Ayodhya, Gorakhpur) अयोध्या, गोरखपुर समेत पूर्वांचल के कई जिलों से आने-जाने वाले लाखों यात्रियों का सफर आसान हो जाएगा. अनुमानित लागत 1,583 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें यूटिलिटी शिफ्टिंग पर 350 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे. कुल मिलाकर, प्रोजेक्ट पर करीब 2,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

7.7 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर

Lucknow: अयोध्या रोड लखनऊ का एक व्यस्त मार्ग है, जहां पॉलीटेक्निक चौराहा से किसान पथ तक रोजाना हजारों वाहन फंसते हैं. एक हालिया सर्वे के अनुसार, इस 9 किमी के स्ट्रेच पर गंभीर ट्रैफिक बॉटलनेक है, जो अयोध्या की बढ़ती पर्यटन गतिविधियों के कारण और गहरा गया है।

एलडीए ने इसी समस्या का हल निकालने के लिए 7.7 किमी लंबा 6-लेन फ्लाईओवर प्रस्तावित किया है, जो सिंगल पिलर पर टिकेगा.

फ्लाईओवर की अंदरूनी चौड़ाई 27 मीटर होगी, जबकि नीचे का काक्षेत्र खुला और व्यवस्थित रहेगा. एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया- यह एडवांस तकनीक से बनेगा. आईआईटी कानपुर से इसका तकनीकी परीक्षण कराया जाएगा, और उत्तर प्रदेश सेतु निगम को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. सेतु निगम जल्द कार्ययोजना बनाकर काम शुरू करेगा।

Lucknow : इस फ्लाईओवर पर सात स्थानों पर चढ़ने-उतरने की सुविधा होगी, जिससे आसपास के इलाकों- जैसे खुर्रम नगर, जनकीपुरम, विकास नगर सहित से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी. अधिकारियों के अनुसार, निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से होगा, ताकि मौजूदा ट्रैफिक पर न्यूनतम असर पड़े. पूरा प्रोजेक्ट लगभग चार साल में दूध-चंभार हो जाएगा।

यूटिलिटी शिफ्टिंग पर विशेष जोर

फ्लाईओवर निर्माण पर 1,583 करोड़ रुपये खर्च होंगे, लेकिन इससे पहले 350 करोड़ रुपये नगर निगम, एलडीए, पावर कॉरपोरेशन, जल निगम और जलकल विभाग की यूटिलिटी शिफ्टिंग पर लगेंगे.

इसमें नई सीवर लाइन, पानी की पाइपलाइन, बिजली की लाइनें और अन्य सुविधाओं की शिफ्टिंग व नई स्थापना शामिल है. सोमवार को एलडीए उपाध्यक्ष ने जलकल सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी रूपरेखा तैयार की. प्रथमेश कुमार ने कहा- यह प्रोजेक्ट लखनऊ को ट्रैफिक-फ्री बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. अयोध्या से जुड़ाव बढ़ने के बाद यह और भी जरूरी हो गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के नजरिए से भी जरूरी

यह परियोजना इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है. 2017 में अवध बार एसोसिएशन की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति राजन रॉय और प्रशांत कुमार की खंडपीठ के समक्ष प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी, आवास एवं शहरी नियोजन, वीसी एलडीए और महाप्रबंधक मेट्रो ने DPR तैयार होने की जानकारी दी।

कोर्ट ने मामले को दिसंबर के पहले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध किया और प्रगति रिपोर्ट मांगी. साथ ही, यदि विश्लेषण न हो तो अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने का आदेश दिया. सुनवाई में प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी अजय सिंह चौहान, प्रमुख सचिव आवास पी. गुर प्रसाद, वीसी एलडीए प्रथमेश कुमार और मेट्रो जीएम आशीष द्विवेदी उपस्थित रहे।

कोर्ट को बताया गया कि पॉलीटेक्निक से किसान पथ तक मेट्रो चलाना व्यावहारिक नहीं है, इसलिए फ्लाईओवर ही एकमात्र विकल्प है. इससे पहले अगस्त में कोर्ट ने 22 सितंबर तक प्लान जमा करने का डेडलाइन दिया था, जिसका पालन हो गया।

पूर्वांचल से लखनऊ की बेहतर कनेक्टिविटी

यह फ्लाईओवर पूर्वांचल के जिलों को लखनऊ से जोड़ेगा. अयोध्या रोड पर पहले से मौजूद खुर्रम नगर फ्लाईओवर ने सितापुर-अयोध्या रोड की यात्रा को 20 मिनट में सीमित कर दिया है, लेकिन पॉलीटेक्निक से किसान पथ तक का स्ट्रेच अभी भी जाम का शिकार है. नया फ्लाईओवर बनने से गोंडा, बहराइच से आने वाले यात्री सीधे किसान पथ पर पहुंच सकेंगे, जो इकाना स्टेडियम, गोमती नगर और शहीद पथ से जुड़ेगा. एक एलडीए अधिकारी ने कहा- यह ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो कुल 7,000 करोड़ रुपये का है. इससे शहीद पथ पर भी राहत मिलेगी।

‘रोजाना लगता है 2 घंटे का ट्रैफिक जाम’

लखनऊ Lucknow के शहरीकरण के साथ ट्रैफिक प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है. हाल ही में शहीद पथ पर 900 मीटर लंबे फ्लाईओवर की DPR भी तैयार हुई है, जो पिपराघाट से किसान पथ को जोड़ेगा. लेकिन अयोध्या रोड प्रोजेक्ट सबसे बड़ा होगा, जो शहर को पूर्व से पश्चिम जोड़ेगा. स्थानीय निवासी और ट्रैफिक विशेषज्ञ इस प्रोजेक्ट का स्वागत कर रहे हैं.

खुर्रम नगर के एक दुकानदार ने कहा- रोजाना 2 घंटे जाम में फंसते हैं. यह फ्लाईओवर जीवन बदल देगा. हालांकि, निर्माण के दौरान यूटिलिटी शिफ्टिंग और एनक्रोचमेंट हटाना चुनौती होगा. एलडीए ने तत्कालीन उपायों जैसे सिग्नल सुधार, फुट ओवरब्रिज मरम्मत और ITMS लागू करने की योजना भी बनाई है. सेतु निगम की ओर से जल्द काम शुरू होने की उम्मीद है।

लखनऊ आउटर रिंग रोड क्या है?

लखनऊ Lucknow आउटर रिंग रोड एक 8 लेन है जो प्रमुख जंक्शनों पर 10 लेन तक विस्तारित होती है और 104 किमी लंबी चौगुनी कैरिजवे (2*4 लेन) सड़क परियोजना है जिसमें हल्के वाहनों के लिए 100 किमी प्रति घंटे और भारी वाहनों के लिए 80 किमी प्रति घंटे की गति सीमा है।

रिंग रोड के लिए किसानों को कितना मुआवजा मिलेगा?

48 दिन बाद 26 करोड़ का मुआवजा ही बांटा जा सका है। रिंग रोड में 30 गांवों की जमीन और परिसंपत्तियों का अधिग्रहण किया गया है। करीब 30 किमी की रिंग रोड के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन और परिसंपत्तियों का 863 करोड़ का मुआवजा वितरित किया जाना है। परियोजना के तय समय में शुरू होने की उम्मीद खत्म होती जा रही है।

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