घर में घटी दिल दहला देने वाली वारदात
बिहार (Bihar) के एक जिले से ऐसी घटना सामने आई है, जिसने हर किसी को झकझोर दिया है। एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या तीन मासूम बेटियों के सामने कर दी।
Bihar 35 साल की महिला को उसके पति ने ससुरालियों संग मिलकर मार डाला. वो भी तीन मासूम बेटियों के सामने. वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने उन्हें बेटा पैदा करके नहीं दिया. साल 2014 में महिला की शादी हुई थी।
बिहार Bihar के गया जिले से रविवार देर रात को एक ऐसी खूनी वारदात सामने आई, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया. 34 साल की रोशनी चौधरी (Roshni Choudhary) की हत्या उसके ही पति और ससुरालवालों ने मिलकर कर दी. वजह वही पुरानी- बेटा न होना. सबसे खौफनाक सच यह है कि पूरी घटना को उसकी तीनों मासूम बेटियों ने अपनी आंखों से देखा।
घटना अतरी थाना क्षेत्र के टेउसा बाजार की है. मृतका की 10 साल की बड़ी बेटी निहारिका ने पुलिस और ननिहाल वालों को बताया- पापा नीतीश ने कमरे का दरवाजा तोड़कर मां को पीटना शुरू किया. जब मां ने खुद को बचाने की कोशिश की तो दादा-दादी ने उनके हाथ-पैर पकड़ लिए और फिर पापा ने साड़ी से गला घोंट दिया. मम्मी तड़पती रही और फिर मर गईं. निहारिका की यह गवाही किसी भी दिल को कंपा देने के लिए काफी है।
तीन घंटे तक लाश के पास बैठी रहीं बेटियां
वारदात के बाद आरोपी फरार हो गए. घर के आंगन में रोशनी की लाश पड़ी थी और पास में बैठी उसकी तीनों बेटियां, जो 10 साल, 6 साल और डेढ़ साल की हैं. वो रो-रोकर मां को पुकार रही थीं. पूरा घर सुनसान और वीरान था।
पति बना हत्यारा, बैंक में करता था नौकरी
आरोपी नीतीश चौधरी एक्सिस बैंक में फाइनेंस का काम करता है. बाहर से ‘सभ्य’ दिखने वाला यह इंसान घर में दरिंदे से कम नहीं था. कभी पैसों की कमी, कभी राशन और कभी बेटियों की स्कूल फीस को लेकर पत्नी पर हाथ उठाता था. असली वजह थी- बेटा न होना।
शादी के बाद शुरू हुआ जुल्म का सिलसिला
रोशनी की शादी 2014 में धूमधाम से हुई थी. शुरुआती कुछ महीने ठीक रहे, लेकिन उसके बाद पति और ससुरालवाले आए दिन उसे प्रताड़ित करने लगे. मायके वालों के मुताबिक, रोशनी कई बार फोन कर रोई और मदद मांगी. रविवार की रात भी उसने भाई और बुआ को फोन कर मारपीट की जानकारी दी थी, लेकिन थोड़ी देर बाद पति ने फोन छीन लिया।
मौत से पहले मदद की आखिरी पुकार
रात साढ़े नौ बजे रोशनी ने अपने भाई राहुल को फोन कर कहा कि उसे पीटा जा रहा है. लेकिन जब राहुल ने दोबारा फोन किया तो नीतीश ने बात संभालते हुए कहा कि पति-पत्नी में झगड़ा तो होता ही रहता है. किसी को अंदाजा नहीं था कि थोड़ी ही देर बाद रोशनी की सांसें थम जाएंगी. रात करीब साढ़े 12 बजे निहारिका ने ननिहाल फोन कर कहा- पापा और दादा-दादी ने मम्मी को मार डाला. हम घर में अकेले हैं।
घर से गायब आरोपी
जब मृतका का भाई राहुल रात साढ़े तीन बजे बहन के ससुराल पहुंचा तो आंगन में बहन की लाश पड़ी थी और उसके पास बैठी तीनों बच्चियां रो रही थीं. घर के बाकी लोग फरार थे. अतरी थाना प्रभारी सुदेह कुमार ने बताया कि मृतका के भाई की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. आरोपी की मां को पड़ोस के एक घर से हिरासत में लिया गया है. पति नीतीश और उसके पिता की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
घरेलू हिंसा में कितने साल की सजा होती है?
घरेलू बहिष्कार आदेश के अधीन किसी भी व्यक्ति को इसका पालन करना होगा। ऐसा न करने पर, उन्हें दो साल तक की कैद की सज़ा हो सकती है या वैकल्पिक दंड दिया जा सकता है। अदालत घरेलू बहिष्कार आदेश को अधिकतम चार हफ़्ते तक बढ़ा सकती है। घरेलू बहिष्कार आदेश स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए बनाए जाते हैं।
हिंसा का मुख्य कारण क्या है?
किसी देश में हिंसा के स्तर और परिवर्तनीय कारकों के बीच एक मजबूत संबंध होता है, जैसे कि संकेन्द्रित (क्षेत्रीय) गरीबी , आय और लिंग असमानता , शराब का हानिकारक उपयोग, तथा बच्चों और माता-पिता के बीच सुरक्षित, स्थिर और पोषण संबंधों का अभाव।
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