मुंबई,। मुंबई में हर दिन लाखों लोग आते हैं — अंतरराष्ट्रीय पर्यटक, व्यापारी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रतिभागी। इस भीड़भाड़ और त्योहारी माहौल में शहर की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के जवानों पर होती है, जो पहले से ही भारी दबाव में काम कर रहे हैं।
कर्मचारियों की कमी और लंबा सफर बना तनाव का कारण
वर्तमान में मुंबई पुलिस बल में 51,308 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि उनके लिए केवल 19,762 आवास उपलब्ध हैं। आवास की इस कमी के कारण लगभग 50 प्रतिशत पुलिसकर्मी प्रतिदिन 50 से 80 किलोमीटर की दूरी तय कर ड्यूटी पर पहुंचते हैं। विरार, पालघर, कल्याण और पनवेल जैसे दूरस्थ इलाकों से रोजाना यात्रा करना उनके लिए थकान और मानसिक तनाव का कारण बन गया है। गृह विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि आपातकालीन परिस्थितियों — जैसे आतंकी हमले (Terrorist Attack) प्राकृतिक आपदाएं या त्योहारों के दौरान — उनकी त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता इस वजह से प्रभावित होती है।
बनेगा 45,000 आवासों का टाउनशिप प्रोजेक्ट
इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने अब ‘मुंबई पुलिस हाउसिंग टाउनशिप योजना (Housing Township Scheme) शुरू की है।इसके तहत मुंबई में पुलिसकर्मियों के लिए 45,000 नए घरों का निर्माण किया जाएगा।
यह परियोजना मुंबई में उपलब्ध 75 भूखंडों पर क्रियान्वित होगी।
पुलिस रैंक के अनुसार तय होंगे घरों के आकार
योजना के तहत —
- 40,000 घर पुलिस कांस्टेबल से लेकर सब-इंस्पेक्टर रैंक तक के लिए होंगे, जिनका आकार 45 वर्ग मीटर होगा।
- 5,000 घर पुलिस इंस्पेक्टर रैंक के लिए होंगे, जिनका आकार 60 से 80 वर्ग मीटर होगा।
- वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 80 से 120 वर्ग मीटर के विशेष आवास बनाए जाएंगे।
इन टाउनशिप में स्कूल, अस्पताल, खेल मैदान और सुरक्षा सुविधाएं भी शामिल होंगी।
पुरानी कॉलोनियों का भी होगा पुनर्विकास
परियोजना के तहत केवल नए घर नहीं बनाए जाएंगे, बल्कि पुरानी पुलिस कॉलोनियों का पुनर्विकास भी किया जाएगा।गृह विभाग के उप सचिव चेतन निकम ने बताया कि इस योजना की निगरानी के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) करेंगे और इसमें मुंबई महानगरपालिका आयुक्त, पुलिस आयुक्त, म्हाडा उपाध्यक्ष, तथा वित्त एवं योजना विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।
पुलिसकर्मियों को मिलेगी राहत और मानसिक स्थिरता
नई टाउनशिप योजना लागू होने के बाद पुलिसकर्मी मुंबई शहर में ही रह सकेंगे।
इससे उन्हें ड्यूटी तक पहुंचने में केवल 10 से 15 मिनट का समय लगेगा और रोजाना की लंबी यात्रा से छुटकारा मिलेगा। परिवारों के लिए बेहतर आवास और सुविधाएं मिलने से पुलिसकर्मियों की मानसिक स्थिरता और कार्यक्षमता दोनों बढ़ेंगी।
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