तीनों सेनाओं के लिए प्रशासनिक ढांचा बदला, फैसले लेने की प्रक्रिया होगी और तेज
भारत की सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण और समन्वय को नई दिशा देने के लिए रक्षा मंत्री (Ministry of Defence) राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. इसके तहत अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) के सचिव को तीनों सेनाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना के लिए संयुक्त निर्देश और संयुक्त आदेश जारी करने की अधिकृत अनुमति दे दी गई है।
दरअसल, अब तक जब कोई आदेश या निर्देश दो या तीन सेनाओं से जुड़ा होता था, तो हर सेवा उसे अलग-अलग तरीके से जारी करती थी. इस नई व्यवस्था से न केवल प्रक्रियाएं सरल होंगी, बल्कि तीनों सेनाओं के बीच तालमेल, पारदर्शिता और निर्णयों की गति में भी बड़ा सुधार होगा. यह एकजुटता एवं एकीकरण के एक नए युग की शुरुआत की भी प्रतीक है, जो सशस्त्र बलों के सामंजस्य को और सशक्त बनाती है।
CDS सर्वोच्च सैन्य अधिकारी
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) भारत की सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सैन्य अधिकारी होता है, जो रक्षा मंत्रालय Ministry of Defence के अंतर्गत डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) का प्रमुख होता है. इस समय CDS जनरल अनिल चौहान हैं. राजनाथ सिंह DMA सहित रक्षा मंत्रालय के सभी विभागों के प्रमुख हैं. सीडीएस की नियुक्ति 1 जनवरी 2020 को शुरू हुई थी, जब जनरल बिपिन रावत पहले CDS बने।
DMA का नेतृत्व CDS करता है
सीडीएस का मुख्य कार्य तीनों सेनाओं (थलसेना, नौसेना, वायुसेना) के बीच समन्वय, संयुक्त प्रशिक्षण, लॉजिस्टिक्स और हथियारों की खरीद में एकरूपता लाना है. वहीं, डीएमए की स्थापना 24 दिसंबर 2019 को हुई थी. यह रक्षा मंत्रालय का एक नया विभाग है. DMA का नेतृत्व CDS करता है. यह तीनों सेनाओं, टेरिटोरियल आर्मी, और सैन्य खरीद का प्रबंधन करता है।
DMA-CDS की स्थापना में राजनाथ की अहम भूमिका
राजनाथ सिंह 2019 से भारत के रक्षा मंत्री हैं और रक्षा मंत्रालय के सभी विभागों, जिसमें DMA, डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस, डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन, और डिपार्टमेंट ऑफ एक्स-सर्विसमैन वेलफेयर के प्रमुख हैं. उन्होंने DMA और CDS की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सैन्य सुधारों, जैसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दिया।