ब्रह्मोस और बराक मिसाइलों से लैस
Warship Himgiri : भारत ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए अपनी समुद्री ताकत (Marine power) को और मजबूत किया है। गुरुवार को भारतीय नौसेना को ‘हिमगिरि’ (Himgiri) नाम का नया स्वदेशी मल्टी-रोल स्टील्थ फ्रिगेट सौंपा गया है।
यह युद्धपोत पूरी तरह से भारत में बनाया गया है और आने वाले समय में दुश्मनों के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है। इससे पहले ‘उदयगिरि’ नामक एक और युद्धपोत नौसेना को सौंपा गया था।
कहां तैयार किया गया हिमगिरि?
Warship Himgiri : हिमगिरि नाम का यह फ्रिगेट कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने तैयार किया है। इसका वजह करीब 6670 टन है और इसकी लंबाई 149 मीटर है। यह प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाए जा रहे सात स्टील्थ युद्धपोतों में से तीसरा है।
इससे पहले इसी प्रोजेक्ट के तहत मुंबई के मझगांव डॉक्स (MDL) द्वारा बनाया गया उदयगिरि को 1 जुलाई को नौसेना को सौंपा गया था। इन दोनों ही युद्धपोतों को अगस्त के अंत तक एक साथ नौसेना में शामिल किए जाने की योजना है।
क्या है प्रोजेक्ट-17A?
प्रोजेक्ट 17A के तहत कुल सात फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं, चार मुंबई में और तीन कोलकाता में तैयार हो रहे हैं। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 45 हजार करोड़ है। इससे पहले जनवरी में INS नीलगिरि को इसी प्रोजेक्ट के तहत नौसेना में शामिल किया गया था। बाकी चार युद्धपोतोंको 2026 के अंत तक सौंपा जाएगा।
भारतीय नौसेना के पास कितने युद्धपोत हैं?
चीन की पीएलए नेवी के पास इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी नेवी है, जिसके पास 355 युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं. वहीं भारतीय नौसेना के पास 130 से ज्यादा जहाज और पनडुब्बियां हैं.
भारत में युद्धपोतों का निर्माण कहाँ होता है?
इस युद्धपोत का निर्माण मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है और यह नीलगिरि श्रेणी (P-17A) का दूसरा युद्धपोत है। पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि इसी वर्ष जनवरी में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था और इस श्रेणी के कुल 7 युद्धपोत भारत में बनाए जाने हैं।