हैदराबाद। नेपाल के प्रतिनिधियों के लिए शहरी शासन पर दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आज ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (NIRDPR) , हैदराबाद में शुरू हुआ और 23 जुलाई 2025 को समाप्त होगा। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा प्रायोजित यह कार्यक्रम भारत और नेपाल (India) के बीच निरंतर भाईचारे के बंधन को रेखांकित करता है। प्रतिभागियों में नेपाल के सुदूरपश्चिम प्रांत के दारचुला, बैतड़ी और दादेलधुरा जिलों के महापौर, अध्यक्ष और नगर पालिकाओं के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं।
भारत के ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला
एनआईआरडीपीआर के महानिदेशक डॉ. जी. नरेंद्र कुमार ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और नेपाल के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग की नींव के रूप में 1950 की शांति और मैत्री संधि का स्मरण किया और बीबीआईएन तथा सार्क जैसे मंचों के माध्यम से चल रहे सहयोग का उल्लेख किया। डॉ. कुमार ने दक्षिण एशिया में क्षमता निर्माण को सुगम बनाने में एनआईआरडीपीआर की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया और शहरी एवं ग्रामीण विकास चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए सहयोगात्मक शिक्षण के महत्व पर बल दिया।
दोनों देशों के लिए बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और पारस्परिक लाभ प्राप्त होंगे
उद्घाटन सत्र में, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के उप सचिव, साकेता राजा मुसिनिपल्ली ने भारत-नेपाल संबंधों के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में विकास सहयोग पर बल दिया। उन्होंने कृषि और बागवानी जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ प्रतिनिधियों द्वारा पहचाने गए अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मानव संसाधन विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि संरचित आदान-प्रदान और केंद्रित प्रशिक्षण से दोनों देशों के लिए बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और पारस्परिक लाभ प्राप्त होंगे।
डॉ. अंजन कुमार भांजा ने कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्यों के बारे में बताया
एनआईआरडीपीआर के प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन केंद्र (सीएनआरएम एंड सीसीडीएम) के प्रोफेसर डॉ. रवींद्र एस. गावली ने मुख्य भाषण दिया और सतत विकास में उभरती चुनौतियों और अवसरों की ओर ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद, पंचायती राज, विकेंद्रीकृत नियोजन एवं सामाजिक सेवा वितरण केंद्र (सीपीआरडीपीएसएसडी) के एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. अंजन कुमार भांजा ने कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्यों के बारे में बताया।
कृषि एवं बागवानी में नवाचारों का अध्ययन करने की इच्छा
पाठ्यक्रम को इस प्रकार तैयार किया गया है कि प्रतिभागियों को कृषि, बागवानी और शहरी विकास में भारत के अनुभव का व्यापक अवलोकन प्राप्त हो, जो प्रमुख विशेषज्ञों के साथ सत्रों, संवादात्मक चर्चाओं और नवीन कृषि तकनीकों एवं शहरी नियोजन रणनीतियों से समृद्ध होगा। चर्चाओं के दौरान, प्रतिनिधियों ने शहरी शासन में सर्वोत्तम प्रथाओं, सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण, नगर नियोजन में वैश्वीकरण ढाँचों और कृषि एवं बागवानी में नवाचारों का अध्ययन करने की इच्छा व्यक्त की।
प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के बारे में जानने में भी गहरी रुचि दिखाई
उन्होंने सीवेज और शहरी अपशिष्ट प्रबंधन, इको-टूरिज्म, बुनियादी ढाँचे के विकास और नगरपालिका सेवाओं में प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के बारे में जानने में भी गहरी रुचि दिखाई। डॉ. भांजा ने पुष्टि की कि ये सभी विषय कार्यक्रम में पूरी तरह से एकीकृत हैं और उन्होंने महाराष्ट्र, तमिलनाडु और हैदराबाद में चयनित शहरी स्थानीय निकायों और कृषि स्थलों के नियोजित क्षेत्रीय दौरों की रूपरेखा प्रस्तुत की। इन यात्राओं का उद्देश्य प्रतिनिधियों को सफल मॉडलों का प्रत्यक्ष अवलोकन करने और यह विचार करने में सक्षम बनाना है कि इन दृष्टिकोणों को उनकी अपनी नगरपालिकाओं में कैसे अपनाया जा सकता है।
नेपाल में भारत का ₹1 कितना है?
भारतीय रुपए (INR) का नेपाल में मूल्य स्थिर नहीं है और यह समय-समय पर बदलता है। हालांकि, नेपाल सरकार ने भारतीय रुपये (₹) के लिए एक आधिकारिक विनिमय दर निर्धारित की है।
नेपाल भारत के साथ है या चीन के साथ?
नेपाल की विदेश नीति “संतुलन” (balance) पर आधारित है। वह भारत और चीन दोनों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करता है।
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