अयोध्या : भगवान श्रीराम (Lord Rama) की पावन नगरी अयोध्या में दीपोत्सव 2025 के तहत रविवार को रामायण काल की झांकियों में भक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला। जैसे ही पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री (Culture Minister) जयवीर सिंह ने ढोल नगाड़े बजाकर साकेत महाविद्यालय परिसर से झांकियों को जय श्री राम का ध्वज लहराकर रवाना किया, पूरा वातावरण जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। इन झांकियों के रामपथ पर पहुंचते ही लगा मानो त्रेता युग का वैभव और मर्यादा वर्तमान में लौट आई हो।
रामकथा पार्क के लिए रवाना हुईं भव्य झांकियां
सूचना विभाग, अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी और पर्यटन-संस्कृति विभाग की कुल मिलाकर 22 झांकियां जैसे ही रामपथ से गुजरीं, श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सजीव पात्रों और आधुनिक तकनीक से सजी इन झांकियों ने श्रीराम के जीवन और रामायण के सातों कांडों बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तरकांड को साकार कर दिया। हर झांकी अपनी कथा कहती नजर आई, कहीं राम जन्म का उल्लास था, तो कहीं लंका विजय का पराक्रम। कलाकारों ने संगीत, नृत्य और अभिनय के माध्यम से त्रेता युग की मर्यादा, भक्ति और आदर्शों को जीवंत कर दिया।
उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक विरासत की झलक
सूचना विभाग की झांकियों में योगी सरकार की उपलब्धियों का चित्रण किया गया। प्रयागराज महाकुंभ, काशी कॉरिडोर, डिफेंस कॉरिडोर, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, स्वच्छ और हरित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर नारी, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, आयुष्मान कैशलेस जैसी योजनाओं की झलक देखने को मिली। इन झांकियों ने विकास और संस्कृति के अनोखे संगम को प्रदर्शित किया। जहां आधुनिक उत्तर प्रदेश, राम राज्य की भावना के अनुरूप आगे बढ़ता दिखाई दिया।
रामपथ पर पुष्पवर्षा, आरती और लोकनृत्यों का अद्भुत संगम
जैसे-जैसे झांकियां रामपथ से गुजरीं, श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्पवर्षा की, दीप जलाए और आरती उतारी। कलाकारों के समूह रास्ते भर ढोल-नगाड़ों और लोकनृत्यों के माध्यम से माहौल को भक्तिमय बनाते रहे। हरियाणा का फाग, केरल का कथककली, राजस्थान का झूमर, पंजाब का भांगड़ा, ओडिशा का संबलपुरी, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की लोक कलाओं ने आयोजन को राष्ट्रीय स्वरूप दे दिया। पूरा मार्ग भक्ति, संगीत और उल्लास से थिरक उठा।
अयोध्या नगरी का दूसरा नाम क्या है?
अयोध्या के कई पौराणिक नाम हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
यह भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है।
साकेत
कोशल नगरी
अयोध्या पुरी
राम लला की मूर्ति की कीमत क्या है?
रामलला की मूर्ति की कीमत का आधिकारिक खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार:
- यह मूर्ति कर्नाटक के श्याम शिला पत्थर (black stone) से बनाई गई है।
- इसे प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीश्वरनाचार्य द्वारा तराशा गया है।
- अनुमानित कीमत ₹2–5 करोड़ के बीच बताई जाती है (मूल्य शिल्प, कला, और सामग्री के आधार पर)।
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