प्रयागराज । यूपी के मुख्यमंत्री (CM ) योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को माघ मेला की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की, फिर पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। सीएम ने कहा कि मेले की प्रगति युद्ध स्तर पर है। कल्पवासियों (Kalpvasis) व श्रद्धालुओं के साथ पूरे आयोजन को भव्यता-दिव्यता के साथ संपन्न करेंगे।
मां गंगा की साधना व तपस्या करते है 25 लाख कल्पवासी
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि माघ मेला की तिथि 15 दिन पहले आ रही है। तीन जनवरी को पौष पूर्णिमा, 15 जनवरी को मकर संक्रांति, 18 जनवरी को मौनी अमावस्या, 23 जनवरी को बसंत पंचमी, पहली फरवरी को माघ पूर्णिमा व 15 फरवरी को महाशिवरात्रि (छह प्रमुख स्नान) होंगे। तीन जनवरी से 1 फरवरी तक यहां कल्पवासियों की बड़ी संख्या रहेगी। लगभग 20 से 25 लाख कल्पवासी एक माह तक मेले में प्रवास कर मां गंगा की साधना व तपस्या करते हैं। इनके साथ ही मुख्य स्नान पर्वों पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आते हैं।
प्रयागराज में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालु संगम पर स्नान करेंगे
अनुमान है कि लगभग डेढ़ महीने के दौरान प्रयागराज में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालु संगम पर स्नान करेंगे। हर दिन लगभग 20-25 लाख कल्पवासियों के साथ ही देश-प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र से भी लोग आएंगे। मेले को 800 हेक्टेयर में बसाने की कार्रवाई हो रही है। सात सेक्टर बनाए गए हैं। अलग-अलग रूट से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 42 स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था रहेगी।
2024 की तुलना में बढ़ाया गया दायरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन किया था और मंडलायुक्त को इसका अध्यक्ष नामित किया था। मेला प्राधिकरण के नेतृत्व में महाकुम्भ के साथ-साथ अन्य आयोजन भी संपन्न होते हैं। माघ मेला 2026 की तैयारी प्रारंभ हो चुकी है। 2024 की तुलना में इसके दायरे को बढ़ाया गया है। यहां की टीम के सामने 2025 के महाकुम्भ का अनुभव है, जिसने देश-दुनिया में अमिट छाप छोड़ी थी और भारत की सनातन धर्म की परंपरा के प्रति लोगों के मन में नया उत्साह भरा था।
माघ मेले के दृष्टिगत सभी संबंधित विभागों को जोड़कर चल रही तैयारी
सीएम योगी ने बताया कि माघ मेले के दृष्टिगत यूपी सरकार के सभी संबंधित विभागों को जोड़ा गया है। सिंचाई विभाग बाढ़ निरोधक उपाय करने के साथ ही जल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। यद्यपि आज संगम में 19-20 हजार क्यूसेक शुद्ध जल की उपलब्धता है, लेकिन उस समय भी 10 हजार क्यूसेक जल की उपलब्धता निरंतर बनी रहे, विभाग यह प्रयास कर रहा है। नमामि गंगे को जल की शुद्धता की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पावर कॉरपोरेशन नियमित विद्युत आपूर्ति के साथ-साथ इलेक्ट्रिक सेफ्टी की व्यवस्था करेगा। उप्र पावर कारपोरेशन द्वारा मेला क्षेत्र में 47 किमी. की एचटी व 360 किमी. की एलटी लाइन बिछाने और 25 अस्थायी सब स्टेशन बनाने का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है।
बोले-सीवर के एक बूंद का रिसाव भी गंगा-यमुना जी में नहीं होगा
सीएम योगी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी कनेक्टिंग मार्ग के साथ ही अंदर के मार्गों की भी व्यवस्था देखेगा। आवागमन में दिक्कत न हो, इसके लिए विभाग सात पांटून ब्रिज, लगभग 160 किमी. के दायरे में चकर्ड प्लेट बिछाएगा। उप्र जल निगम द्वारा 242 किमी. की पेयजल पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। 85 किमी. की सीवर लाइन बिछाने की कार्रवाई होगी, जिससे सीवर के एक भी बूंद का रिसाव गंगा-यमुना जी में न होने पाए।
Magh Mela कितने दिन तक चलेगा?
माघ मेला लगभग 45 दिन तक चलता है।
माघ मेला क्यों मनाया जाता है?
Magh Mela धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का त्योहार है — श्रद्धालु त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना, सरस्वती) में पवित्र स्नान करते हैं, जिससे उन्हें पापों की क्षमा और मोक्ष की इच्छा होती है। Culture and Heritage+1
इसके अलावा, यह कल्पवास (Kalpvas) की परंपरा के लिए भी जाना जाता है, जिसमें कुछ भक्त एक महीने तक साधारण जीवन चलाते हैं और तपस्या करते हैं।
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