लखनऊ : सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह अभियान को लेकर राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यशाला (State-Level Workshop) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और इंडी गठबंधन अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ नीति को आज भी अपनाए हुए हैं। ये दल समाज में जाति, पंथ और मजहब के आधार पर फूट डालने का काम कर रहे हैं ताकि देश की एकता और अखंडता कमजोर हो।
अंग्रेजों ने भारत को कई हिस्सों में बांटने की साजिश रची : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश आज़ाद हो रहा था, तब अंग्रेजों ने भारत को कई हिस्सों में बांटने की साजिश रची थी। उनकी कोशिश थी कि भारत कभी एक न हो सके। लेकिन लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी अद्भुत दूरदृष्टि और दृढ़ इच्छाशक्ति से 563 रियासतों को भारत गणराज्य में विलय कर राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि आज उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक जो भारत एकजुट दिखता है, वह सरदार पटेल की देन है। इसलिए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्ष से हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विपक्ष समाज को बांटने की राजनीति कर रहा है : सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि भाजपा और केंद्र व राज्य की सरकारें सरदार पटेल के एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार करने के लिए कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष समाज को बांटने की राजनीति कर रहा है, तब भाजपा की जिम्मेदारी है कि एकता और अखंडता के संदेश को हर गांव और हर विधानसभा तक पहुंचाया जाए।
यूनिटी मार्च और राष्ट्रीय एकता दिवस का कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने बताया कि 31 अक्टूबर को ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन पूरे प्रदेश में होगा। इसके बाद 1 नवंबर से 26 नवंबर तक हर विधानसभा क्षेत्र में 8 से 10 किलोमीटर लंबी ‘एकता पदयात्रा’ निकाली जाएगी। इसमें आर्मी के रिटायर्ड जवान, अन्नदाता, श्रमिक, भाजपा के अनुशांगिक संगठन, एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाइड सभी को जोड़ा जाएगा। यात्रा के दौरान ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘नेता जी सुभाष चंद्र बोस अमर रहें’ के जयघोष गूंजेंगे। हर दो किलोमीटर पर पड़ाव होगा, जहां समाज से संवाद कायम करते हुए एकता का संदेश दिया जाएगा।
Sardar Vallabhbhai Patel भारत के प्रथम कौन थे?
भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और पहले गृह मंत्री थे। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता के बाद रियासतों का एकीकरण करके देश की एकता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लौह पुरुष की उपाधि किसने और क्यों दी थी?
“लौह पुरुष” (Iron Man of India) की उपाधि इसलिए दी गई क्योंकि उन्होंने भारत की 562 से अधिक रियासतों को बिना हिंसा के भारत संघ में मिलाने का साहसिक और दृढ़ कार्य किया। यह उपाधि उन्हें उनके मजबूत इरादों, नेतृत्व क्षमता और कठोर निर्णयों के लिए दी गई।
सरदार पटेल की मृत्यु कब और कहाँ हुई थी?
सरदार वल्लभभाई पटेल की मृत्यु 15 दिसंबर 1950 को मुंबई (तत्कालीन बंबई), महाराष्ट्र में हुई थी।
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