News Hindi : माटीकला मेलों में बिक्री का बना रिकॉर्ड, 4.20 करोड़ का आंकड़ा पार

By Ajay Kumar Shukla | Updated: November 4, 2025 • 11:22 AM

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड (Matikala Board) द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में आयोजित माटीकला मेलों में प्रदेश के कारीगरों व हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन (Marketing) में उल्लेखनीय उछाल दर्ज किया गया है। इस अवधि में बोर्ड ने 10 दिवसीय माटीकला महोत्सव, 07 दिवसीय क्षेत्रीय माटीकला मेले और 03 दिवसीय लघु माटीकला मेले आयोजित किए।

विक्री में लगभग 27.7 प्रतिशत की हुई वृद्धि

इन सभी मेलों में कुल 691 दुकानें लगाई गईं और 4,20,46,322 रुपए की बिक्री हुई। यह पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में दर्ज कुल बिक्री 3,29,28,410 रुपए की तुलना में 91,17,912 रुपए अधिक है, जो लगभग 27.7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सबसे ज्यादा फोकस परंपरागत शिल्पों व उद्योगों में कार्यरत कारीगरों की उन्नति पर है। प्रदेश समेत देश-विदेश में उनके उत्पादों को वृहद स्तर पर खरीदार मिलें, इसके लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं और माटीकला बोर्ड इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

70 जनपदों में बड़े स्तर पर हुई खरीदारी

लखनऊ के खादी भवन में 10 से 19 अक्टूबर 2025 तक आयोजित 10 दिवसीय माटीकला महोत्सव में 56 दुकानों द्वारा 1,22,41,700 रुपए की बिक्री हुई। गोरखपुर, आगरा, कानपुर देहात और मुरादाबाद में 13 से 19 अक्टूबर तक आयोजित 07 दिवसीय क्षेत्रीय मेलों में 126 दुकानों ने 78,84,410 रुपए का विक्रय किया। इसी क्रम में प्रदेश के 70 जनपदों में 17 से 19 अक्टूबर तक आयोजित 03 दिवसीय लघु माटीकला मेलों में 509 दुकानों के माध्यम से 2,19,20,212 रुपए की बिक्री दर्ज की गई।

उत्पादों की गुणवत्ता बनी सकारात्मक परिणाम की कुंजी

वित्तीय वर्ष 2024-25 में आयोजित मेलों में कुल 878 दुकानों द्वारा 3,29,28,410 रुपए की बिक्री हुई थी। यद्यपि इस वर्ष कुल दुकानों की संख्या कम रही, फिर भी विक्रय में वृद्धि यह दर्शाती है कि उत्पादों की गुणवत्ता, प्रदर्शनी की व्यवस्था और विपणन सहयोग अधिक प्रभावशाली रहा। इससे यह भी स्पष्ट हुआ है कि माटीकला उत्पादों के प्रति आमजन में जागरूकता और आकर्षण निरंतर बढ़ रहा है। माटीकला बोर्ड का लक्ष्य है कि निरंतर मेलों, उन्नत प्रदर्शनी प्रबंधन, प्रशिक्षण, डिजाइन विकास व ब्रांडिंग गतिविधियों के माध्यम से कारीगरों को दीर्घकालिक आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान किया जाए। आने वाले सत्रों में अधिक उपभोक्ता आधारित कार्यक्रमों के आयोजन से कारीगरों की उत्पादकता, विपणन दक्षता तथा आय वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी।

माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष कौन हैं?

वर्तमान में इस बोर्ड के अध्यक्ष ओमप्रकाश गोला (Om Prakash Gola) हैं, जिन्होंने 7 जनवरी को कार्यभार संभाला था।

उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड की स्थापना कब हुई थी?

इस बोर्ड का गठन जुलाई 2018 में हुआ था।
(एक स्रोत में “6ठा स्थापना दिवस” मनाये जाने का उल्लेख है।

माटी कला बोर्ड क्या है?

यह एक स्वायत्त (स्वशासी) निकाय है जिसे राज्य के मिट्टी के कारीगरों एवं हस्तशिल्प कलाकारों के कलात्मक उत्पादन, विपणन (मार्केटिंग), आर्थिक सुदृढ़ता, तकनीकी विकास एवं परम्परागत उद्योगों के संवर्धन हेतु गठित किया गया है।

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