वाराणसी : अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (South Asia Regional) में आयोजित डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिव और नंदी उन्नत खेती के लिए प्रेरित है। योगी आदित्यनाथ ने काशी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान विश्वनाथ की नगरी और उनके सहयोगी वृषभ हमें उन्नत खेती की ओर प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि “अन्नं बहु कुर्वीत तद् व्रतम्” की परंपरा को आगे बढ़ाना ही हमारा संकल्प है।
यूपी तीन गुना अधिक उत्पादन करने में सक्षम : मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा कि यदि समय पर तकनीक और बीज उपलब्ध कराए जाएं तो प्रदेश आज से तीन गुना अधिक उत्पादन करने में सक्षम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी ने लक्ष्य तय किया है कि 2029-30 तक प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाया जाएगा, जिसमें कृषि क्षेत्र सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरी (IRRI) और सीआईपी (CIP) जैसे संस्थानों के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे।
उर्वरता, सिंचाई और धूप हैं भारतीय कृषि की ताकत
मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी कृषि के लिए उर्वरता, सिंचाई और पर्याप्त धूप सबसे आवश्यक हैं और इन तीनों दृष्टियों से भारत अत्यंत संपन्न है। देश के पास 17 करोड़ हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से 60 फीसदी भूमि सिंचित है। यूपी तो अकेले देश का 21 फीसदी खाद्यान उत्पादन करता है।
काला नमक चावल और ऐतिहासिक खेती 8 हजार साल पुरानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि काला नमक चावल भगवान बुद्ध द्वारा तीन हजार साल पहले दिया गया था। इसे हम भगवान बुद्ध के प्रसाद के रूप में पूरी दुनिया में बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि यूपी में धान की खेती का 8 हजार साल पुराना इतिहास है। तंजावुर और रामनाथपुरम के शिलालेखों में प्राचीन भारत की उन्नत खेती के प्रमाण मिलते हैं।
सीड पार्क और नई पहल की दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर 250 एकड़ में सीड पार्क स्थापित किया जाएगा। यहां से जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए बेहतर बीज किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। डीजी ईरी यवोन पिंटो और डीजी सीआईपी डॉ साइमन हेक की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आगरा में जल्द ही इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर स्थापित होगा।
अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान कहाँ है?
लॉस बानॉस, लागुना, फिलीपींस (Los Baños, Laguna, Philippines)
यह संस्थान 1960 में स्थापित हुआ था और यह दुनिया का सबसे बड़ा चावल अनुसंधान संस्थान है। इसका मकसद है – चावल उत्पादन बढ़ाना और किसानों की आय में सुधार करना।
चावल का अनुसंधान केंद्र कहाँ है?
(A) भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (IIRR):
स्थान: हैदराबाद, तेलंगाना, यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत काम करता है।
इसका उद्देश्य भारत में चावल की उन्नत किस्मों का विकास और उत्पादन तकनीक को बढ़ाना है।
(B) IRRI – दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (South Asia Regional Centre – IRRI-SARC):
स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश
यह 2017 में स्थापित किया गया था।
यह IRRI (Philippines) का भारत में एक सहयोगी केंद्र है जो विशेष रूप से पूर्वी भारत और दक्षिण एशिया की ज़रूरतों के अनुसार काम करता है।
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