अयोध्या : रामनगरी अयोध्या (Ayodhya ) केवल आस्था की धरती नहीं, बल्कि अब यह विकास और विरासत का संगम बन चुकी है। इस बार के नौवें दीपोत्सव (Deepotsav) में योगी सरकार की विकास दृष्टि भी दीपों की तरह चमकेगी। दीपोत्सव जैसे विश्व प्रसिद्ध आयोजन में दर्शकों के लिए अब राम की पैड़ी पर बैठना पहले से कहीं अधिक आरामदायक और आकर्षक होगा।
श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन चुका है राम की पैड़ी
योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2324.55 लाख रुपये की लागत से यहां लगभग 350 मीटर लंबी सीढ़ियों और दर्शक दीर्घा का निर्माण कराया है, जिसमें 18,000 से 20,000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। यहां बनाया गया सेल्फी पॉइंट, जिसमें भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी की पत्थर की भव्य मूर्तियां हैं, श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन चुका है। आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, बाउंड्री वॉल और अन्य पर्यटन सुविधाओं ने इसे विश्वस्तरीय रूप प्रदान किया है।
आठ एम्फीथिएटर और पत्थर की छतरियाँ बनेंगी आकर्षण
वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 2367.61 लाख रुपये की नई परियोजना से राम की पैड़ी और भी भव्य स्वरूप में नजर आएगी। यहां आठ छोटे एम्फीथिएटर बनाए जा रहे हैं, जो दर्शकों को बैठने की सुविधा देंगे। साथ ही छह पत्थर की छतरियाँ, आठ भव्य दीपक और सात मीटर ऊंचे पत्थर के स्तंभ इस घाट की शोभा बढ़ाएंगे। प्रकाश व्यवस्था और सौंदर्यीकरण के साथ यह स्थान अब आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत संगम बन जाएगा, जो विश्वभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।
सरयू घाटों का नवनिर्माण भक्तिभाव और पर्यटन दोनों का केंद्र
अयोध्या की जीवनरेखा कही जाने वाली सरयू नदी के तट को भी नया रूप दिया जा रहा है। लगभग 2.5 किलोमीटर लंबाई में फैले घाटों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण पर 2346.11 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। परियोजना में 32 पत्थर की छतरियाँ, 11 विशाल स्तंभ, चार पूजा स्थल, दो गौ-पूजा स्थल, 15 दिशा सूचक, 60 इंटरप्रिटेशन वॉल और एक वीआईपी पवेलियन बनाए जा रहे हैं। आधुनिक रोशनी और स्वच्छ घाट व्यवस्था के साथ यह क्षेत्र अब आध्यात्मिक पर्यटन का नया गंतव्य बनेगा। सरयू आरती का दृश्य अब और भी मनमोहक और भव्य होगा।
राम की पैड़ी का इतिहास क्या है?
राम की पैड़ी सरयू नदी के तट पर स्थित एक श्रृंखलाबद्ध घाटों का समूह है, जिसका निर्माण प्राचीन काल से होता आ रहा है।
- इसका नाम भगवान राम के नाम पर रखा गया है और इसे उनके जीवन से जोड़ा जाता है।
- आधुनिक स्वरूप में इसका पुनर्निर्माण 1980 के दशक में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया गया था।
- इसका उद्देश्य अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को स्नान, पूजा और ध्यान के लिए सुरक्षित एवं सुंदर घाट प्रदान करना था।
Ram Ki Paidi का क्या अर्थ है?
“राम की पैड़ी” में दो शब्द हैं:
- राम: भगवान श्रीराम, अयोध्या के राजा और हिन्दू धर्म के पूजनीय देवता।
- पैड़ी: हिंदी में “पैड़ी” का अर्थ होता है “घाट” या “सीढ़ियाँ”, जो नदी या तालाब के किनारे उतरने के लिए बनाई जाती हैं।
अर्थ: यह वह स्थान है जहाँ श्रद्धालु सरयू नदी में उतरकर स्नान, ध्यान और पूजा करते हैं – मान्यता है कि यहाँ भगवान राम ने भी स्नान किया था।
Ram Ki Paidi किस लिए प्रसिद्ध है?
धार्मिक महत्व: यह स्थल हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।
स्नान और पूजा: श्रद्धालु यहाँ आकर पवित्र सरयू नदी में स्नान करते हैं, जिससे पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।
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