श्रीनगर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हजरतबल मस्जिद में राष्ट्रीय प्रतीक (राष्ट्रीय चिह्न) के कथित दुरुपयोग से जुड़े विवाद के बीच जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) सहित पांच राज्यों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई आतंकवाद से संबंधित एक गंभीर मामले की जांच के तहत की गई, जिसमें 22 स्थानों पर तलाशी ली गई। एनआईए ने स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सहायता से जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम और दिल्ली में यह ऑपरेशन चलाया।
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी आतंकवादी गतिविधियों और संभावित साजिशों को उजागर करने के लिए थी, हालांकि हजरतबल मस्जिद विवाद से इसका सीधा संबंध अभी स्पष्ट नहीं है।
हजरतबल मस्जिद विवाद
हजरतबल मस्जिद विवाद तब शुरू हुआ, जब मस्जिद परिसर में एक पत्थर पर राष्ट्रीय प्रतीक की नक्काशी की तस्वीरें वायरल हुईं। इस घटना पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाते हुए कहा कि धार्मिक आयोजनों में राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग पहले कभी नहीं देखा गया। इस विवाद ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है। एनआईए की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है, विशेष रूप से 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
संदिग्ध परिसर से हथियार गोला बारूद बरामद
एनआईए ने इस ऑपरेशन में संदिग्धों के परिसरों से हथियार, गोला-बारूद, डिजिटल डिवाइस और नकदी सहित कई सामग्रियां जब्त की हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि यह कार्रवाई पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के सहयोगियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स पर नकेल कसने के लिए है। जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं ने भी केंद्र सरकार का ध्यान खींचा है।
पुलिस और एनआईए ने अभी तक हजरतबल विवाद और इस छापेमारी के बीच कोई स्पष्ट संबंध नहीं बताया है। स्थानीय लोग इस कार्रवाई को लेकर चिंतित हैं, और कई संगठनों ने इस पर सवाल उठाए हैं। जांच एजेंसी ने कहा है कि मामले की गहन जांच जारी है और जल्द ही और जानकारी साझा की जाएगी।
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