Latest Hindi News : अब डिजिटल पादरियों के मुकाबले उतरेंगे डिजिटल पंडित-मौलाना

By Anuj Kumar | Updated: November 13, 2025 • 11:18 AM

नई दिल्ली,। धर्म और आस्था की दुनिया में अब डिजिटल युग की आहट सुनाई देने लगी है। ब्रिटेन में तेजी से लोकप्रिय हो रहे डिजिटल पादरी यानी ऐसे धार्मिक गुरु जो सोशल मीडिया (Social Media) और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं, अब भारत समेत अन्य देशों में भी नई धार्मिक प्रवृत्ति को जन्म दे सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में भारत में डिजिटल पंडित (Digital Pandit) और डिजिटल मौलाना का दौर शुरू हो सकता है।

ब्रिटेन में तेजी से बढ़ रही डिजिटल आस्था की लहर

ब्रिटेन में इन डिजिटल पादरियों की लोकप्रियता खासकर युवाओं में बढ़ी है। वे पारंपरिक चर्चों के बजाय डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों से जुड़ते हैं। इंस्टाग्राम, यूट्यूब, पॉडकास्ट और मोबाइल ऐप्स (Mobile Apps) के जरिए ये पादरी न केवल धार्मिक उपदेश देते हैं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, जीवनशैली और आध्यात्मिक संतुलन पर भी बात करते हैं। यह तरीका उन युवाओं के लिए उपयोगी साबित हो रहा है जो अपने व्यस्त जीवन या आधुनिक जीवनशैली के कारण चर्च नहीं जा पाते हैं।

ऑनलाइन धार्मिक समुदाय बना रहे हैं डिजिटल पादरी

डिजिटल पादरियों की एक और विशेषता यह है कि वे केवल उपदेश देने तक सीमित नहीं रहते, बल्कि एक ऑनलाइन धार्मिक समुदाय का निर्माण भी करते हैं। यहां लोग अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं, धार्मिक विचार साझा कर सकते हैं और एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं। इससे धर्म केवल पूजा या अनुष्ठान का विषय नहीं रह गया, बल्कि संवाद और अनुभव का माध्यम बनता जा रहा है।

भारत में भी बढ़ सकती है डिजिटल आस्था की प्रवृत्ति

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में यह प्रवृत्ति और तेजी से विकसित हो सकती है, क्योंकि यहां धार्मिक विविधता के साथ-साथ डिजिटल क्रांति भी बहुत व्यापक है। पहले से ही कई धार्मिक गुरु और विद्वान सोशल मीडिया के जरिये लाखों अनुयायियों से जुड़े हुए हैं। ऐसे में डिजिटल पंडित और डिजिटल मौलाना के रूप में आस्था का नया आयाम सामने आ सकता है, जो तकनीक और परंपरा के संगम का उदाहरण होगा।

डिजिटल आस्था के साथ जुड़ी चुनौतियां भी कम नहीं

हालांकि, इसके साथ कुछ चुनौतियां भी जुड़ी हैं। ऑनलाइन धार्मिक सामग्री की प्रामाणिकता, गलत व्याख्याओं और कट्टर विचारों के प्रसार को लेकर चिंताएं भी बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि डिजिटल आस्था के इस युग में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और नैतिक संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी होगा।

धर्म के डिजिटल परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम

फिलहाल यह प्रवृत्ति धर्म के डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या डिजिटल पंडित और डिजिटल मौलाना भारत में भी उतने ही लोकप्रिय हो पाते हैं, जितने ब्रिटेन में डिजिटल पादरी बन चुके हैं।

Read More :

#Breaking News in Hindi #Britain news #Digital Pandit News #Hindi News #India news #Instagram news #Mobile Apps News #Social media news