Sawan के पहले सोमवार पर शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब

By Anuj Kumar | Updated: July 14, 2025 • 7:53 PM

नई दिल्ली | सावन के पहले सोमवार को देशभर में शिवभक्तों (Shiva devotees) की जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही मंदिरों में घंटा-घड़ियाल की ध्वनि और बम-बम भोले और हर हर महादेव के जयघोष गूंजते रहे। भगवान शिव को समर्पित इस पावन माह के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं ने व्रत, पूजा और जलाभिषेक कर भोलेनाथ (Bholenath) का आशीर्वाद मांगा। जयपुर के ताड़केश्वर महादेव मंदिर में 151 किलो शुद्ध देसी घी से विशेष अभिषेक किया गया और मंदिर को 3100 किलो आमों से सजाया गया। श्रद्धालुओं के लिए सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित करने वाला होता है।

वहीं सावन (Sawan) के पहले सोमवार के दिन देशभर के शिव मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस खास दिन शिव भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने व्रत और पूजा अनुष्ठान करते हैं। इस अवसर पर देशभर के शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमड़ा है। दिल्ली के गौरी शंकर मंदिर में सावन सोमवार को भारी भीड़ उमड़ी और श्रद्धालुओं ने पूजा-पाठ की। इसी तरह गायिजाबाद के दूधेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।

करीब 80 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई गई है

तड़के खुले महाकाल के द्वार लखनऊ, प्रयागराज, अयोध्या, गोरखपुर, गाजियाबाद, दिल्ली, उज्जैन, गुवाहाटी समेत देश के प्रमुख शिवालयों में अलसुबह से ही भक्तों का रेला देखने को मिला। उज्जैन में बाबा महाकाल के मंदिर के कपाट तड़के 2.30 बजे ही खोल दिए गए, जहां सावन में करीब 80 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई गई है। हजारों श्रद्धालु तड़के ही बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंच गए। विश्वनाथ मंदिर के बाहर लगी लंबी कतार वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की 3 किलोमीटर लंबी कतार लगी रही।

वाराणसी में यादव समाज की विशेष परंपरा भी देखने को मिली

यहां सुबह 4 बजे मंगला आरती के साथ मंदिर के कपाट खुले, लेकिन भक्तों को दर्शन का अवसर महज एक सेकंड के लिए मिल सका। वाराणसी में यादव समाज की विशेष परंपरा भी देखने को मिली, जहां हजारों लोग डमरू और गंगाजल से भरे कलश लेकर बाबा विश्वनाथ का अभिषेक करने पहुंचे। सावन माह के पहले सोमवार को लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में भी भक्तों ने आरती की। जलाभिषेक करने लाखों कांवड़िये पहुंचे झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ और बासुकीनाथ धाम में लाखों कांवड़िये जलाभिषेक के लिए पहुंचे। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी की व्यवस्था की है। सावन का यह पहला सोमवार शिवभक्तों की अटूट आस्था और परंपरा की अद्भुत झलक लेकर आया, जिसने एक बार फिर देश को ‘हर-हर महादेव’ की गूंज से भर दिया।

भगवान शिव ने देवी गौरी को पत्नी के रूप में स्वीकारा था

गौरी की तपस्या से प्रसन्न हुए शिव मान्यता के अनुसार सावन का यह वही माह है जबकि देवी गौरी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए थे। इसी के साथ मान्यता है कि प्रसन्न भगवान शिव ने देवी गौरी को पत्नी के रूप में स्वीकारा था। यह भी कहा जाता है कि हर साल देवों के देव महादेव सावन माह में ही अपनी ससुराल भी जाते हैं। इन मान्यताओं के अनुसार यह पूरा माह ही बेहद पवित्र और पूजा-पाठ करने वाला माना जाता है। ऐसे में शिव-भक्त सावन सोमवार के दिन व्रत और पूजा अनुष्ठान करते हैं।


सावन कितने दिनों का होता है?

इसे सुनेंयह महीना जुलाई और अगस्त के बीच आता है और भगवान शिव की पूजा-अर्चना का सर्वोच्च समय माना जाता है। आमतौर पर सावन 30 या 31 दिनों का होता है, लेकिन 2025 में यह केवल 29 दिनों का रहेगा और यही लोगों के मन में सवाल खड़ा कर रहा है कि ऐसा क्यों? इस असमानता का उत्तर चंद्रमा की गति और खगोलीय गणनाओं में छिपा है।

सावन महीने का इतिहास क्या है?

इस माह में देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तप किया था. इससे भी यह महीना पवित्र माना जाता है. श्रावण मास केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसमें शिव की उपासना, उपवास, भक्ति और सेवा से जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि आती है.

Read more : कांवड़ यात्रा में विघ्न डालने वालों से सख्ती से निपटेगी योगी सरकार

# Bholenath news # Breaking News in hindi # Latest news # Lucknow news # Sawan news #Hindi News #SAwan news #Shiva devotees news