लोकसभा के मॉनसून सत्र के दौरान 29 जुलाई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के बीच कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के तीखे सवालों ने सत्तापक्ष में हलचल मचा दी। वायनाड से सांसद प्रियंका ने सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा और जवाबदेही को लेकर सवाल उठाए, जिसके बाद सत्ताधारी बीजेपी को जवाब देने में मुश्किलें आईं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति ने विपक्ष को और हमलावर बना दिया।
प्रियंका ने कहा, “आप इतिहास की बात करते हैं, हम वर्तमान की बात करेंगे। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? गृह मंत्री ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया?” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में सरकार की रणनीति पर सवाल उठाते हुए पूछा, “पाकिस्तान को शरण क्यों दी गई? सरकार सवालों से क्यों भागती है?” प्रियंका ने यह भी कहा कि देश का नेतृत्व सिर्फ उपलब्धियों का श्रेय लेने से नहीं, बल्कि विफलताओं की जिम्मेदारी लेने से मजबूत होता है।
उनके भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देने की कोशिश की, लेकिन प्रियंका की आक्रामकता और तथ्यों ने सत्तापक्ष को बैकफुट पर ला दिया। शाह ने कहा कि ऑपरेशन में पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, लेकिन प्रियंका ने पलटवार किया कि सरकार जवाबदेही से बच रही है। इस दौरान राहुल गांधी की अनुपस्थिति भी चर्चा में रही, लेकिन प्रियंका ने अकेले मोर्चा संभाला, नोट्स लेते हुए और विपक्षी सांसदों के साथ समन्वय करते हुए।.
सदन में प्रियंका की नारेबाजी और वीडियो के जरिए तथ्य पेश करने की रणनीति ने बीजेपी को असहज कर दिया। विपक्षी सांसदों ने उनकी तारीफ की, जबकि सत्तापक्ष के कुछ सांसदों ने इसे “राजनीतिक ड्रामा” करार दिया। इस बीच, पीएम मोदी की गैरमौजूदगी पर विपक्ष ने तंज कसा, “जब सवालों का सामना करना हो, तो राजा गायब हो जाते हैं।”
यह चर्चा राष्ट्रीय सुरक्षा पर विपक्ष के आक्रामक रुख और सरकार की चुप्पी को उजागर करती है। प्रियंका के सवालों ने न केवल संसद में माहौल गरमाया, बल्कि बीजेपी को रणनीति बदलने पर मजबूर किया।
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