Breaking News: Purohit: बरी होने के बाद ले. कर्नल पुरोहित बने कर्नल

By Dhanarekha | Updated: September 25, 2025 • 7:55 PM

मालेगांव केस: 17 साल के इंतजार के बाद प्रमोशन मिला

मुंबई: 2008 मालेगांव ब्लास्ट केस में निर्दोष साबित होने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित(Purohit) को कर्नल के पद पर पदोन्नत कर दिया गया है। यह पदोन्नति उन्हें 17 साल के लंबे इंतजार के बाद मिली है। पुरोहित पर यह कार्रवाई तब रुकी हुई थी, जब उन्हें मामले में आरोपी बनाया गया था और उन पर सेना द्वारा डिसिप्लिन एंड विजिलेंस (DV) बैन लगा दिया गया था। कोर्ट के फैसले के बाद सेना ने यह बैन हटा दिया, जिससे उनके प्रमोशन और बाकी सेवा शर्तों की बहाली का रास्ता साफ हो गया

कोर्ट का फैसला और पुरोहित की प्रतिक्रिया

मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने 31 जुलाई 2025 को पुरोहित(Purohit) और मामले के अन्य सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) यह आरोप साबित नहीं कर पाई कि विस्फोट में इस्तेमाल की गई बाइक साध्वी प्रज्ञा की थी या पुरोहित आरडीएक्स लाए थे। कोर्ट ने सभी आरोपियों को ‘संदेह का लाभ’ देते हुए निर्दोष करार दिया। जेल से बाहर आने और बरी होने के बाद, पुरोहित ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा था, “मैं एक सैनिक हूं जो इस देश से बेहद प्यार करता हूं। मैं भारतीय सेना का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जो अपने जवानों का साथ देती है।”

मालेगांव ब्लास्ट केस और आरोपी

मालेगांव ब्लास्ट की यह घटना साल 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुई थी, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। NIA स्पेशल कोर्ट ने 31 जुलाई 2025 को इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (पूर्व भाजपा सांसद) और लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित सहित कुल सात आरोपियों को बरी किया। अन्य आरोपियों में रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर धर द्विवेदी शामिल थे। कोर्ट का यह फैसला 9 साल तक जेल में रहने वाले पुरोहित और अन्य सभी आरोपियों के लिए एक बड़ी राहत थी।

लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को किस पद पर और कितने साल के इंतजार के बाद प्रमोशन मिला?

लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित(Purohit) को कर्नल के पद पर प्रमोशन मिला है। यह प्रमोशन उन्हें 17 साल के लंबे इंतजार के बाद मिला।

कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट केस में पुरोहित और अन्य आरोपियों को क्यों बरी किया?

कोर्ट ने पुरोहित(Purohit) और अन्य आरोपियों को ‘संदेह का लाभ’ देते हुए बरी किया, क्योंकि जाँच एजेंसी (NIA) उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित नहीं कर पाई।

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