Repo Rate में तीसरी बार कटौती की उम्मीद, जानिए RBI की रणनीति जून बैठक में क्या हो सकता है बड़ा ऐलान?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की जून 2025 की बैठक को लेकर बाजार, बैंकिंग सेक्टर और आम जनता की निगाहें टिकी हुई हैं। इस बार चर्चा का मुख्य केंद्र Repo Rate है, जिसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि RBI लगातार तीसरी बार इसमें कटौती कर सकता है। विशेषज्ञों की राय और आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए 25 बेसिस पॉइंट की संभावित कटौती का अनुमान लगाया जा रहा है।
क्या होता है Repo Rate?
Repo Rate वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक RBI से अल्पकालिक ऋण लेते हैं।
यदि यह दर घटती है, तो बैंकों को सस्ती दर पर धन मिलता है, जिससे वे ग्राहकों को भी कम ब्याज दरों पर लोन प्रदान कर सकते हैं।
इस वजह से रेपो रेट का सीधा असर आपकी EMI और बाजार की तरलता पर पड़ता है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
1. मदन सबनवीस (मुख्य अर्थशास्त्री, बैंक ऑफ बड़ौदा):
“महंगाई दर नियंत्रण में है और उद्योग जगत को राहत की ज़रूरत है, ऐसे में RBI तीसरी बार रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है।”
2. अदिति नायर (मुख्य अर्थशास्त्री, ICRA):
“CPI महंगाई 4% के नीचे बनी हुई है, जिससे ब्याज दरों में नरमी की गुंजाइश है। जून में एक और कटौती के बाद आगे भी दो कटौतियां संभव हैं।”
3. CARE Ratings की रिपोर्ट:
“वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही में विकास दर सुस्त रही है, जिसे प्रोत्साहित करने के लिए RBI दरों में ढील दे सकता है।”
Repo Rate में कटौती का असर
अगर RBI रेपो रेट में कटौती करता है, तो इन क्षेत्रों में असर दिखाई देगा:
- EMI में राहत:
होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें घटेंगी, जिससे मासिक EMI कम होगी। - बैंकिंग सेक्टर को बल:
बैंकों को कम लागत पर फंड मिलेगा, जिससे वे अधिक लोन वितरित कर पाएंगे। - उद्योगों को बढ़ावा:
MSME और स्टार्टअप्स के लिए फाइनेंसिंग सस्ती होगी, जिससे निवेश और रोजगार में इजाफा होगा। - रियल एस्टेट सेक्टर को संजीवनी:
कम ब्याज दरों के कारण घर खरीदना सस्ता होगा, जिससे मांग में तेजी आएगी। - मध्यम वर्ग को राहत:
घटती ब्याज दरों से आम जनता के मासिक बजट पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
आगे की रणनीति
RBI की आगामी रणनीति इस बात पर निर्भर करेगी कि महंगाई और वैश्विक आर्थिक स्थितियाँ कैसे बदलती हैं। अगर आने वाले महीनों में महंगाई नियंत्रित रहती है और आर्थिक गतिविधियों में तेजी नहीं आती, तो साल के अंत तक रेपो रेट को 5.25% तक लाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
Repo Rate में संभावित तीसरी कटौती आम लोगों और इंडस्ट्री दोनों के लिए राहतभरी खबर हो सकती है। RBI की यह नीतिगत पहल आर्थिक विकास को गति देने, महंगाई को नियंत्रित रखने और बाजार में मांग को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।
इसलिए यदि आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं या मौजूदा लोन की EMI से राहत चाहते हैं, तो जून 6 की RBI मीटिंग पर नजर जरूर रखें।