बहन के देवर ने ही दुल्हन से रचाई शादी, बाराती रह गए हैरान
Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी (Uttar Pradesh) में दहेज की मांग करने वाले एक दूल्हे को बेजइज्जी का सामना करना पड़ा। इस व्यक्ति की बारात दुल्हन के घर से खाली हाथ लौट गई और दूसरे लड़के ने लड़की की मांग भर दी। यह अनोखा मामला बुधवार रात उत्तर टोला मोहल्ले में देखने को मिला। यहां शादी के मंडप में उस समय हंगामा हो गया, जब दुल्हन ने अपनी बहन के देवर से ही शादी करने की बात कह दी और बहन के देवर ने मौके पर ही दुल्हन की मांग भर दी।
जानकारी के मुताबिक मोहिनी की शादी (Mohini) हैदरगढ़ कोठी निवासी विकास सोनी से तय हुई थी। दोनों की सगाई एक महीने पहले हो चुकी थी। 24 सितंबर को बारात धूमधाम से पहुंची और स्वागत भी हुआ, लेकिन द्वारचार से पहले माहौल बदल गया।
बारात लौटी तो प्रेमी ने भरी मांग
परिजनों का कहना है कि मोहिनी का तीन साल से बहन के देवर शिवांश के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। लेकिन पिता की जिद के कारण शादी तय की गई थी। बारातियों का आरोप है कि दहेज को लेकर विवाद खड़ा हुआ, जिसके बाद बारात लौटने लगी। इसी बीच दुल्हन रोते हुए अपने प्रेमी शिवांश के पास पहुंची और शादी करने की इच्छा जताई। इसके बाद शिवांश ने सभी के सामने उसकी मांग में सिंदूर भर दिया।
दहेज नहीं मिलने पर लौटी बारात
दुल्हन की बहन कोमल ने बताया कि परिवार दहेज की रकम नहीं जुटा पाया तो बारात लौटने लगी। उसी वक्त मोहिनी ने शिवांश से शादी की बात कही। पुलिस पूछताछ में शिवांश ने भी तीन साल से संबंध होने की बात कबूल की।
दूल्हे के पिता ने लगाए आरोप
दूल्हे के पिता शिवकुमार सोनी का आरोप है कि लड़की पक्ष ने पैसे की मांग की और साजिशन यह नाटक रचा गया। क्योंकि, लड़की पक्ष को दोनों के रिश्ते के बारे मे मालूम था। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा है और दोनों पक्षों में आपसी सहमति से समझौता करा दिया गया है। अंततः दूल्हा बारातियों के साथ बिना दुल्हन के लौट गया।
भारत में सबसे ज्यादा दहेज किस राज्य में है?
तमिलनाडु राज्य में पुरुषों और महिलाओं दोनों में दहेज प्रथा सबसे अधिक है, जबकि महाराष्ट्र में यह सबसे कम है।
शादी के कितने साल बाद दहेज का केस नहीं लगता है?
भारत में दहेज उत्पीड़न (धारा 498ए) का केस दर्ज करने की कोई समय सीमा नहीं है, भले ही शादी को कितने भी साल हो गए हों. हालाँकि, दहेज हत्या के मामलों में, शादी के 7 साल के भीतर महिला की मृत्यु होने पर ही ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।
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