नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच अतिरिक्त पांच एस-400 सिस्टम की खरीद पर सहमति बनाने की रिपोर्टें हैं। दोनों देशों के बीच यह बातचीत जारी है कि तीन सिस्टम सीधे आयात होंगे, जबकि दो सिस्टम टेक्नॉलजी ट्रांसफर (Two System Technology Transfer) के तहत भारत में निर्मित किए जाएंगे।
सरकारी स्तर पर सौदा और मेंटेनेंस भारतीय भागीदारी से
यह सौदा सरकार-से-सरकार स्तर पर होगा और रखरखाव, मरम्मत व ओवरहॉल की सुविधाएं भारतीय प्राइवेट सेक्टर की मदद से स्थापित की जाएंगी। चर्चा यह भी है कि इस प्रणाली के संचालन के लिए स्थानीय क्षमता विकसित की जाएगी।
क्या चुनेगा वायुबल : SU-57 या F-35?
रिपोर्टों के अनुसार वायुसेना प्रमुख ने रूस के पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान SU-57 लेने पर विचार का जिक्र किया था। हालांकि सरकार ने न तो SU-57 और न ही अमेरिकी F-35 के संबंध में कोई आधिकारिक निर्णय जाहिर किया है।
ऑपरेशन सिन्दूर का संदर्भ : सिस्टम की क्षमताओं पर जोर
सूत्रों में बताया गया है कि ऑपरेशन सिन्दूर (Operation Sindoor) के दौरान एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम ने रेंज और लक्ष्यनिवारण की अपनी क्षमता दिखाई थी। रिपोर्ट में दावा है कि 7 मई के घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान को अपने कुछ एयर एसेट्स सीमा से दूरी पर रखनी पड़ी थी।
पिछला बड़ा सौदा और अगला चरण
याद रहे कि भारत ने 2018 में पाँच एस-400 सिस्टम के लिए 5.43 अरब डॉलर की डील की थी। वर्तमान में अगले साल के अंत तक दो एस-400 की सप्लाई की उम्मीद है और अब पांच और एयर-डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) पर बातचीत हो रही है।
मंत्रिस्तरीय वार्ता और उच्चस्तरीय मुलाकातें
रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी इस सप्ताह रूसी पक्ष से मिलने वाले हैं, जिनमें रूसी रक्षा कोवच को संयुक्त रूप से बनाने की संभावनाओं पर चर्चा हो सकती है। माना जा रहा है कि इस सौदे को प्रधानमंत्री मोदी व रूसी राष्ट्रपति पुतिन की शिखर वार्ता से पहले अंतिम रूप दिया जा सकता है।
आयुध सुधार: आर-37 मिसाइल पर भी नजर
खबरों के मुताबिक भारत 200 किमी से अधिक रेंज वाली एयर-टू-एयर मिसाइल R-37 (आरवीवी-बीडी) हासिल करने में भी रुचि रखता है, जिससे SU-30MKI समेत विमानों की मारक क्षमता बढ़ाई जा सके।
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