नई दिल्ली। चुनाव आयोग के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर पश्चिम बंगाल के बाद केरल और तमिलनाडु में विरोध बढ़ता जा रहा है। तमिलनाडु (Tamilnadu) के बीएलओ के साथ ही तहसीलदार लेवल तक के अधिकारियों ने मंगलवार से बायकॉट का ऐलान किया है।
केरल में सुप्रीम कोर्ट की शरण-एसआईआर रोकने की मांग
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने केरल (Kerala) में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि एसआईआर और स्थानीय निकाय चुनावों को साथ-साथ नहीं कराया जा सकता। याचिका में कहा गया है कि राज्य में 9 और 11 दिसंबर को दो चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं, जबकि एसआईआर ड्राफ्ट 4 दिसंबर को पब्लिश होना है। इससे निकाय चुनाव की प्रक्रिया पर असर पड़ेगा। इधर, केरल सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव पूरे होने तक एसआईआर स्थगित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
तमिलनाडु में कर्मचारियों का बायकॉट—वर्कलोड और ट्रेनिंग की कमी मुद्दा
तमिलनाडु राजस्व कर्मचारी संघों के संगठन ने कहा कि वे वर्कलोड, कम स्टाफ, टाइम-लिमिट दबाव और अधूरी ट्रेनिंग व मेहनताने के विरोध में प्रदर्शन करेंगे।
असम में मॉडल-2026 के वोटरों को शामिल करने की तैयारी
आयोग ने असम में एसआईआर कराने का आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, असम में 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष के हो रहे नए वोटरों को शामिल किया जाएगा और पुराने वोटर्स का सत्यापन किया जाएगा।
घर-घर जाकर वोटर वेरिफिकेशन 22 नवंबर से 20 दिसंबर तक होगा। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 27 दिसंबर को जारी की जाएगी और फाइनल लिस्ट 10 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी।
12 राज्यों में चल रहा एसआईआर- कई में चुनाव भी नजदीक
एसआईआर वाले 12 राज्यों में छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप शामिल हैं। इनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होने हैं।
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