1. संवैधानिक दखल – Suo Motu कार्रवाई
- राजस्थान हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य में आवारा कुत्तों व अन्य जानवरों द्वारा सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले मामले पर ध्यानाकर्षण किया।
2. अफसरों और स्थानीय निकायों को आदेश
- कोर्ट ने सभी नगर निगमों को निर्देश दिए हैं कि वे विशेष अभियान चलाकर आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों को सड़क से हटाएं, हालांकि इस प्रक्रिया में जानवरों को न्यूनतम शारीरिक क्षति होनी चाहिए।
High Court : राजस्थान (Rajasthan) हाईकोर्ट ने राज्य में कुत्तों (Dogs) के काटने की घटनाओं और आवारा पशुओं के आतंक से होने वाली मौतों का संज्ञान लिया था, जिसके बाद सड़कों से आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया।
High Court : राजस्थान में अब आपको गली में घूमते हुए आवारा कुत्ते और उनके नन्हे मुन्ने पिल्ले नजर नहीं आएंगे, क्योंकि हाईकोर्ट ने शहर की सड़कों से आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों को हटाने का आदेश जारी किया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने यह निर्देश एक स्वतः संज्ञान याचिका पर दिया, जिसमें अदालत ने राज्य में कुत्तों के काटने की घटनाओं और आवारा पशुओं के आतंक से होने वाली मौतों का संज्ञान लिया था।
यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार को दिल्ली-NCR के इलाकों से सभी आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश के बाद आया है, जहां कुत्तों के काटने से होने वाली मौतों की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं। यह आदेश नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद पर भी लागू है।
बाधा डालने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
11 अगस्त को, राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में नगर निकायों को शहर की सड़कों से आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों को हटाने का निर्देश दिया, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि उन्हें कम से कम शारीरिक नुकसान हो। इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
High Court : कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जो कोई भी नगर निकायों को सड़कों/कॉलोनियों/सार्वजनिक रास्तों से आवारा जानवरों को हटाने में बाधा डालेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके काम में बाधा डालने वाले या सरकारी कर्मचारियों के कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने सहित कार्रवाई करने की पूरी छूट दी गई है।
आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में शेल्टर होम में भेजने का आदेश
बता दें कि इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों और रेबीज से हो रही मौतों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम आदेश जारी किया था। शीर्ष अदालत ने दिल्ली-NCR से सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में शेल्टर में रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को रिहायशी इलाकों से उठाकर शेल्टर होम में रखा जाए। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी है कि जो भी संगठन या व्यक्ति इस काम में बाधा डालेगा, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भारत में कितने आवारा कुत्तों को रेबीज है?भारत में 6.2 करोड़ आवारा कुत्ते
20K Dies by Rabies in India: भारत में बेघर पालतू सूचकांक 2023 (Pet Homelessness Index of India) रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 6.2 करोड़ आवारा कुत्ते हैं। वर्ष 2023 में कुत्ता काटने के 30 लाख मामले सामने आए जबकि 2022 में करीब 22 लाख मामले सामने आए।
आवारा कुत्ते क्यों काटते हैं?तेज गर्मी है कुत्तों के आक्रमक होने का कारण
गर्मी में भोजन की कमी से भी कुत्ते आक्रामक हो सकते हैं. साथ ही गर्मी के कारण कुत्तों में तनाव बढ़ता है, जिससे वे आक्रामक हो जाते हैं. अत्यधिक गर्मी से कुत्तों को हीट स्ट्रोक हो जाता है जिससे वे आक्रामक होकर काटने लगते हैं।