Latest Hindi News : सर्वे रिपोर्ट : बिहार में बदल रही है बयार, तेजस्वी को बढ़त

By Anuj Kumar | Updated: September 29, 2025 • 2:47 PM

पटना । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) की अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन यहां चुनावी हवा को भांपने वाले सर्वे शुरु हो गए है। हाल ही में आए एक चुनाव पूर्व सर्वे ने राज्य की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

लोक पोल सर्वे ने मचाई हलचल

लोक पोल के सर्वे के अनुसार, बिहार चुनाव में आरजेडी नीत महागठबंधन को 118 से 126 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 105 से 114 सीटों तक सिमट सकता है। यह सर्वे तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल और उसके सहयोगियों के लिए एक बड़ा बढ़ावा माना जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के लिए यह एक चेतावनी हो सकता है।

क्या नीतीश की रेवड़ियां हुई बेअसर?

इस सर्वे को देखकर सवाल उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की तमाम चुनावी रेवड़ियां फेल हो रही हैं? बिहार की राजनीति लंबे समय से जाति, वर्ग, और क्षेत्रीय समीकरणों पर आधारित रही है। नीतीश कुमार ने 2005 से इन समीकरणों को संतुलित करके अपनी सरकार बनाई है, लेकिन 2025 के चुनाव में ये समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं।

युवा और महिलाएं बने ‘गेम चेंजर’

लोक पोल के सर्वे में यह सामने आया है कि युवा वोटर (Yong Voter) और महिलाएं इस बार महागठबंधन की ओर ज्यादा झुकाव दिखा रहे हैं। राहुल गांधी की वोटर अधीकार यात्रा ने भी महागठबंधन के पक्ष में माहौल बनाया है। लोक पोल के सर्वे में बताया गया है कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से महागठबंधन को 118 से 126 सीटें मिल सकती हैं, जबकि एनडीए को 105 से 114 सीटें। वहीं अन्य पार्टियों को 2 से 5 सीटें मिलने की संभावना है।

वोट शेयर में कांटे की टक्कर

वोट शेयर की बात करें तो महागठबंधन को 39 प्रतिशत से 42 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है, जबकि एनडीए को 38 प्रतिशत से 41 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। यह अंतर वैसे तो बेहद कम है, लेकिन सीटों की संख्या में महागठबंधन का बढ़त लेना तेजस्वी यादव के लिए एक बड़ा नैरेटिव सेट करता है।

राहुल की यात्रा और भ्रष्टाचार के आरोपों का असर

सर्वे में यह भी बताया गया है कि राहुल गांधी की वोटर अधीकार यात्रा और एनडीए नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों ने वोटरों के मन में बदलाव लाया है। युवा और पहली बार वोट डालने वाले मतदाता महागठबंधन की ओर ज्यादा झुकाव दिखा रहे हैं। इसमें एक बड़ा वर्ग तेजस्वी यादव की ‘नौकरी देने वाली सरकार’ के वादे से प्रभावित हैं।

40 हजार करोड़ की चुनावी घोषणाएं

नीतीश कुमार की सरकार ने पिछले कुछ महीनों में कई वेलफेयर स्कीम्स की घोषणा की है, जैसे बुजुर्ग और विधवा महिलाओं के लिए मासिक भत्ता, बेरोजगार युवाओं के लिए मासिक सहायता और 125 यूनिट मुफ्त बिजली… इन चुनावी रेवड़ियों पर राज्य का सालाना खर्च 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है, जो राज्य की कुल राजस्व प्राप्ति का लगभग 70 प्रतिशत है।

सीमित असर छोड़ रहीं वेलफेयर स्की में

लोक पोल सर्वे के नतीजे इशारा करते हैं कि इन स्कीम्स का असर सीमित रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि वेलफेयर स्कीम्स लंबे समय में प्रभाव डालती हैं, लेकिन चुनाव से ठीक पहले इनकी घोषणा वोटरों को ज्यादा प्रभावित नहीं करती, खासकर जब विपक्ष नौकरी और विकास के मुद्दे पर आक्रामक हो

तेजस्वी यादव कौन सा मंत्री हैं?

तेजस्वी यादव बिहार राज्य से हवें आ ई अगस्त 2022 से वर्तमान नीतीश कुमार सरकार में बिहार के उपमुख्यमंत्री बने।

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