- दिल्ली-NCR में यमुना का कहर
- 10 हजार लोग विस्थापित
- पंजाब में 30 की मौत
- नोएडा में 1000 फार्महाउस जलमग्न
नई दिल्ली, 3 सितंबर 2025: दिल्ली-NCR (Delhi)और पंजाब (Punjab) में भारी बारिश और यमुना नदी के उफान ने भारी तबाही मचाई है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर 206.78 मीटर तक पहुंच गया, जिससे यमुना बाजार, मयूर विहार, झरोड़ा कलां, मजनू का टीला और गीता कॉलोनी जैसे निचले इलाकों में पानी घरों में घुस गया।
प्रशासन ने नावों और राहत दलों की मदद से करीब 10,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, जहां राहत शिविरों में भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने और लगातार बारिश ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है.
दिल्ली सरकार की तैयारी
दिल्ली सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए 58 नावें, 675 लाइफ जैकेट और 82 अस्थायी पंप तैनात किए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना के किनारे दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। विशेषज्ञों ने यमुना के बाढ़ मैदानों पर अतिक्रमण और अपर्याप्त जल निकासी व्यवस्था को संकट का प्रमुख कारण बताया। भारतीय मौसम विभाग ने दिल्ली-NCR के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।
पंजाब में बाढ़ और भी विकराल
पंजाब में बाढ़ ने और भी विकराल रूप ले लिया है। सतलज, ब्यास और रावी नदियों के उफान से 12 जिले प्रभावित हैं, जिसमें 1,300 से अधिक गांव और 96,061 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, और 2.56 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। NDRF, सेना और पुलिस ने 15,688 लोगों को सुरक्षित निकाला, जबकि 400 मेडिकल कैंप स्थापित किए गए हैं
यमुना और हिण्डन नदी में बढ़ा जल स्तर
नोएडा में यमुना और हिंडन नदियों के बढ़ते जलस्तर ने सेक्टर-128, असगरपुर और सेक्टर-167 के मंगरौली व छपरौली गांवों में 1000 फार्महाउस और खेतों को डुबो दिया। प्रशासन ने 15-16 लोगों और मवेशियों को सुरक्षित निकाला, लेकिन फसलों और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी बाढ़ का पानी बसंतपुर जैसे गांवों में घुस गया, जहां 500 घर प्रभावित हुए।
प्रशासन ने लोगों से निचले इलाकों को खाली करने की अपील की है, लेकिन बाढ़ प्रबंधन की कमी पर सवाल उठ रहे हैं
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