Digital Data Protection : साइबर अपराध पर लगाम लगाएगा देश का डिजिटल डाटा कलेक्शन

By Ankit Jaiswal | Updated: August 20, 2025 • 9:12 AM

यूपीएसआईएफएस में साइबर अपराध को रोकने के लिए चल रहा है तीन दिवसीय सेमिनार

लखनऊ : योगी सरकार साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस विभाग के अधिकारियों को लगातार हाइटेक टेक्नोलॉजी के जरिये प्रशिक्षित कर रही है। इसी के तहत सीएम योगी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की ओर से तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सेमिनार के दूसरे दिन मंगलवार को साइबर विशेषज्ञों द्वारा साइबर अपराध (Cyber Crime) को रोकने के लिए मंथन किया। इस दौरान डार्क वेब के जरिये होने वाली अवैध गतिविधियों और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के अनियंत्रित उपयोग पर चर्चा की गयी। इसका इस्तेमाल कर साइबर अपराधी लोगों को अपने जाल में फंसाकर उन्हे अपना का शिकार बना रहे हैं

हाईटेक टेक्नोलॉजी की मदद से डार्क वेब से होने वाले अपराधों पर लगायी जा सकती है लगाम

सेमिनार में विशेषज्ञों ने साइबर अपराध, क्रिप्टोकरेंसी और नए तकनीकी खतरों पर चर्चा की। सेमिनार का संचालन कर्नल नीतीश भटनागर ने किया। सेमिनार में बताया गया कि किस तरह क्रिप्टोकरेंसी, जो पहले एक तकनीकी नवाचार था, अब डार्क वेब पर अवैध गतिविधियों का अहम हिस्सा बन चुका है। पैनेलिस्ट आमिर ने डार्क वेब पर होने वाले अपराधों को लेकर चिंताएं जताई। उन्होंने बताया कि डार्क वेब पर लोग न केवल हैक किए गए डेटा बेचते हैं, बल्कि मानव तस्करी और ड्रग ट्रैफिकिंग जैसे अपराध को भी अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत का नया डिजिटल डाटा संरक्षण कानून इन अपराधों पर लगाम लगाने में अहम भूमिका निभाएगा। पैनेलिस्ट विष्णु नारायण शर्मा ने बताया कि डार्क वेब पर अपराधों का पता लगाना बेहद मुश्किल है, क्योंकि यह पूरी तरह से गुमनाम और विकेंद्रीकृत है। हालांकि कुछ हाईटेक टेक्नोलॉजी मदद से अपराधियों का पता लगाने में सफलता मिल सकती है।

साइबर अपराध को पूरी तरह से रोकने के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी: पवन कुमार

साइबर सेल के डीआईजी पवन कुमार ने बताया कि देश में कानून प्रवर्तन संस्थाएं साइबर अपराध के खिलाफ प्रभावी रूप से काम नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत साइबर अपराधा अब क्रिप्टो प्लेटफार्मों पर स्थानांतरित हो चुकी है और इससे निपटने के लिए प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रभावी कदम उठा रही है। इसके अलावा विभिन्न विशेषज्ञों ने सेमिनार में एआई और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी नई तकनीकों पर भी चर्चा की। विशेषज्ञों ने माना कि एआई आने वाले समय में साइबर अपराधों को रोकने में मददगार साबित होगा। साथ ही वैश्विक अपराध पर काबू पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।

डार्क वेब के जरिये इन अवैध गतिविधियों को दिया जा रहा अंजाम

क्रिप्टोकरेंसी से बढ़ रहा साइबर अपराध

इन खतरों से ऐसे निपटा जा सकता है

साइबर सुरक्षा क्या है?

डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा एक ऐसी प्रणाली है, जिसके माध्यम से कंप्यूटर, नेटवर्क, डेटा और ऑनलाइन सिस्टम को हैकिंग, वायरस, मैलवेयर और साइबर हमलों से सुरक्षित रखा जाता है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत और संस्थागत जानकारी की गोपनीयता, अखंडता और उपलब्धता सुनिश्चित करना होता है।

साइबर सुरक्षा का क्या अर्थ है?

इसका अर्थ कंप्यूटर आधारित प्रणालियों, डेटा और संचार नेटवर्क की रक्षा करना है। अनधिकृत पहुंच, डेटा चोरी, धोखाधड़ी और ऑनलाइन अपराधों को रोकने के लिए विभिन्न सुरक्षा नीतियों, तकनीकों और प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है। यह आधुनिक तकनीकी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

साइबर सुरक्षा अभियान क्या है?

सरकार और संगठनों द्वारा साइबर सुरक्षा अभियान चलाकर लोगों को ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है। इसमें सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग, दो-स्तरीय प्रमाणीकरण, संदिग्ध लिंक से बचाव और व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा जैसे उपाय बताए जाते हैं। इसका उद्देश्य साइबर अपराधों की रोकथाम करना है।

Read Also : Cyber Security : डिजिटल खतरे को कम कर सकता है साइबर सुरक्षा और डिजिटल ऑडिट

#BreakingNews #HindiNews #LatestNews cryptocurrency Cyber security cybercrime Dark Web Digital Data Protection