Loksabha में आज पेश होगा नया आयकर विधेयक 2025, जानें क्या-क्या बदलाव होंगे

By Vinay | Updated: August 11, 2025 • 10:52 AM

नई दिल्ली, 11 अगस्त 2025: वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में नया आयकर विधेयक 2025 (New Income Tax Bill 2025) पेश करेंगी, जो 1961 के आयकर अधिनियम को व्यापक रूप से संशोधित करने और सरल बनाने के उद्देश्य से लाया जा रहा है।

इस विधेयक को 13 फरवरी 2025 को पहली बार लोकसभा में पेश किया गया था, जिसके बाद इसे 31 सदस्यीय प्रवर समिति को भेजा गया। समिति ने 285 सुझाव दिए, जिन्हें शामिल कर संशोधित विधेयक तैयार किया गया है। यह विधेयक 1 अप्रैल 2026 से लागू होने की संभावना है।

नए विधेयक की मुख्य विशेषताएँ:

1. सरल और कम धाराएँ: मौजूदा आयकर अधिनियम में 819 धाराएँ और 5.12 लाख शब्द हैं, जबकि नए विधेयक में धाराओं की संख्या 536 और शब्दों की संख्या 2.6 लाख होगी। अध्यायों की संख्या भी 47 से घटाकर 23 की गई है। इसका उद्देश्य कानून को संक्षिप्त और समझने में आसान बनाना है।

2. ‘टैक्स ईयर’ की अवधारणा: मौजूदा ‘एसेसमेंट ईयर’ और ‘प्रीवियस ईयर’ की जटिल अवधारणा को हटाकर एकीकृत ‘टैक्स ईयर’ लागू किया जाएगा। उदाहरण के लिए, 2023-24 की आय पर 2024-25 में कर लगाने की प्रक्रिया को सरल करते हुए अब टैक्स वर्ष के आधार पर गणना होगी।

3. कम मुकदमेबाजी: विधेयक में कर विवादों को कम करने के लिए प्रावधान शामिल हैं। टैक्सपेयर्स को बिना जुर्माने के टीडीएस रिफंड का दावा करने की अनुमति होगी। साथ ही, गैर-जरूरी और अप्रचलित 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटाए गए हैं।

4. गुमनाम दान पर बदलाव: गुमनाम दान केवल विशुद्ध धार्मिक ट्रस्टों तक सीमित होगा, सामाजिक सेवाओं वाले ट्रस्टों को इससे छूट नहीं मिलेगी।

5. डिजिटल अनुपालन को बढ़ावा: डिजिटल भुगतान करने वाले 10 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले व्यवसायों को टैक्स ऑडिट से राहत दी जाएगी। टीडीएस से संबंधित धाराएँ एक ही खंड में टेबल के रूप में समाहित की गई हैं।

6. सजा और जुर्माने: फर्जी क्लेम पर 200% जुर्माना और 7 साल तक की जेल का प्रावधान है। साथ ही, रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाई गई है, जो अब 15 सितंबर 2025 तक होगी।

विधेयक की पृष्ठभूमि और प्रक्रिया

नए विधेयक को तैयार करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 22 विशेष समितियों का गठन किया था और 6,500 से अधिक हितधारकों के सुझाव लिए गए। ऑस्ट्रेलिया और यूके के टैक्स मॉडल का अध्ययन कर सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल किया गया। प्रवर समिति की अध्यक्षता बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा ने की, जिनके 285 सुझावों में 32 बड़े बदलाव शामिल हैं।

सरकारी दृष्टिकोण

वित्त मंत्री ने कहा कि नया विधेयक तकनीकी सुधार और बेहतर क्रॉस-रेफरेंसिंग पर केंद्रित है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि इतने बड़े पैमाने पर संशोधन के लिए मूल विधेयक को वापस लेकर संशोधित संस्करण पेश करना जरूरी था, ताकि समय और विधायी स्पष्टता सुनिश्चित हो।

विशेषज्ञों की राय:

क्लियरटैक्स की टैक्स विशेषज्ञ शेफाली मुंदड़ा के अनुसार, नया विधेयक टैक्सपेयर्स के लिए सरल और समझने में आसान होगा, जिससे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर निर्भरता कम होगी। डेलॉइट इंडिया की पार्टनर दिव्या बवेजा ने ‘टैक्स ईयर’ की अवधारणा को सरलता की दिशा में बड़ा कदम बताया।

विपक्ष का रुख:

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विधेयक को मौजूदा कानून से अधिक जटिल बताया, जबकि बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने इसे करदाताओं के लिए उपयोगी और अनुपालन में आसान बताया।

नया आयकर विधेयक 2025 कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और करदाता-अनुकूल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह विधेयक संसद में व्यापक चर्चा के बाद अंतिम रूप लेगा और 2026-27 के मूल्यांकन वर्ष से लागू होगा।

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