Latest News : घट गया रामलला के दर्शन का समय

By Surekha Bhosle | Updated: October 23, 2025 • 1:13 PM

एक घंटे बंद रहेगा मंदिर का कपाट, जानिए नई आरती और दर्शन की टाइमिंग

अयोध्या: रामलला के दर्शन के समय में बदलाव किया गया है। अब मंदिर के कपाट दिन में एक घंटे के लिए बंद रहेंगे। यह निर्णय मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ और पुजारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया है।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या के राम मंदिर में रामलला (Ramlala) के दर्शन के समय में थोड़ा बदलाव किया गया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की नई व्यवस्था के अनुसार अब दर्शन के समय में आधे घंटे की कमी की गई है. श्रद्धालु सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक दर्शन कर सकेंगे, जिसमें आधे घंटे की कमी हुई है. आरती और भोग के समय भी बदलाव हुआ है और दोपहर में मंदिर कुछ देर के लिए बंद रहेगा

शीत ऋतु के आगमन के साथ ही रामलला के दर्शन समय में भी बदलाव हो गया है. अब दर्शन की समय में आधे घंटे की कमी की गई है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) स्थित राम मंदिर में आज से श्रद्धालुओं को सुबह 7:00 से ही रामलला के दर्शन होंगे और रात 9:00 बजे तक जारी रहेंगे. इसके साथ ही रामलला की आरती के समय में भी बदलाव हुआ है. दोपहर में आरती और भोग के लिए एक घंटे तक मंदिर के पट बंद रहेंगे।

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ट्रस्ट की ओर से रामलला के दर्शन की नई समय सारिणी भी जारी की गई है. रामलला की मंगला आरती जो अब तक सुबह 4 बजे होती थी. अब वह 4:30 बजे होगी. इसके साथ ही रामलला की श्रृंगार आरती सुबह 6 बजे के बजाय अब 6:30 बजे होगी. अभी तक सुबह 6:30 बजे से दर्शन शुरू होते थे, लेकिन अब सुबह 7 बजे से दर्शन शुरू होंगे. इसके बाद दोपहर 12:00 बजे भोग आरती शुरू होगी।

रात 9:15 बजे समाप्त होंगे दर्शन

इसके बाद 12:30 बजे डी-वन से श्रद्धालुओं एंट्री बंद कर दी जाएगी. दोपहर 12:30 से 01 बजे तक पट बंद रहेगा. दोपहर 01:00 बजे से फिर से दर्शन शुरू होंगे और रात 09:00 बजे डी-वन से प्रवेश बंद कर दिया जाएगा.. रात 9:15 बजे दर्शन समाप्त होंगे. फिर रात 9:30 बजे शयन आरती के बाद कपाट बंद हो जाएंगे. डी-वन एक वह मुख्य प्रवेश मार्ग है, जिससे आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रवेश करते हैं. D-1 को जन्मभूमि पथ कहा जाता है।

क्या है D-1, D-2, D-3 और D-4?

अयोध्या में राम मंदिर क्षेत्र के चार मुख्य मार्गों को D-1, D-2, D-3, D-4 नाम दिए गए हैं. ताकि सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखी जा सके. इनमें से D-1 (जन्मभूमि पथ) आम भक्तों के लिए रास्ता है, जिससे श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश करते हैं और निकलते हैं. बाकी मार्गों का इस्तेमाल खास मेहमान, वीआईपी दर्शन या सेवा कार्यों के लिए किया जाता है।

राम मंदिर का पूरा इतिहास क्या है?

इसे सुनेंराम मंदिर एक महत्वपूर्ण आंशिक रूप से निर्मित मन्दिर है जो अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत में है। जनवरी २०२४ में इसका गर्भगृह तथा प्रथम तल बनकर तैयार किया गया और २२ जनवरी २०२४ को इसमें श्रीराम के बाल रूप में विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा की गई। यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है जिसे राम का जन्मस्थान माना जाता है।

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