नई दिल्ली। भारत में शादियों (Marriage) का ट्रेंड बदल रहा है और इसी बदलाव का एक दिलचस्प हिस्सा है किराए के बराती का नया चलन। जब मेहमानों की संख्या कम हो या परिवार वाले डांस और धूम-धड़ाके करने से बचें तो ये पेशेवर कलाकार शादी में धूम मचाने के लिए बुलाए जाते हैं। यह ट्रेंड खासकर उन एनआरआई जोड़ों के लिए लोकप्रिय है, जो भारत से दूर रहकर अपनी शादी में पारंपरिक उत्सव का पूरा मजा लेना चाहते हैं।
ग्राहक 20 से 50 बारातियों की मांग करते हैं
मीडिया रिपोर्ट (Media Report) के मुताबिक दिल्ली के एक वेडिंग प्लानर (Weeding Planer) ने एक तुर्की जोड़े का उदाहरण दिया जिसने अपनी भारतीय परंपरा के मुताबिक शादी करने के लिए न सिर्फ सारे रीति-रिवाज चाहे, बल्कि 100 मेहमान और बराती भी किराए पर बुलाए ताकि शादी की तस्वीरें और यादें बनीं रहें। इसी तरह चंडीगढ़ की एक दुल्हन की इच्छा पूरी करने के लिए दूल्हे ने किराए के बराती बुलाए, जिससे दोनों परिवारों की खुशी दोगुनी हो गई। दिल्ली स्थित विवाह लग्जरी वेडिंग्स के संस्थापक के मुताबिक ग्राहक 20 से 50 बारातियों की मांग करते हैं, जिन्हें विशेष थीम और पोशाक में तैयार किया जाता है।
एक पेशेवर बराती की कीमत 2,500 से 5,000 तक होती है
ये कलाकार इतनी कुशलता से घुल-मिल जाते हैं कि असली मेहमानों को भनक तक नहीं लगती। एक पेशेवर बराती की कीमत 2,500 से 5,000 तक होती है। जहां कुछ लोग इसे दिखावा मानते है, वहीं कई जोड़ों के लिए यह अपनी जिंदगी के सबसे बड़े दिन को यादगार बनाने का एक शानदार तरीका है। अंबाला के इवेंट्स चलाने वाले शख्स ने बताया कि उनके पास डीजे ऑन व्हील्स की भी सुविधा है और कुछ बारातों में विदेशी डांसर्स, जैसे रूसी डांसर्स की भी मांग रहती है। एक जोड़े ने जिन्होंने अपनी शादी में बराती किराए पर बुलवाए थे बताया कि उनके परिवार में सब लोग बहुत शर्मीले हैं। डांस करने से शर्माते हैं, इसलिए एक एजेंसी से बराती बुलवा लिए। माहौल बहुत अच्छा बन गया। सबने शादी में खूब मस्ती की।
विवाह की परिभाषा क्या है?
विवाह, जिसे शादी भी कहा जाता है, दो लोगों के बीच एक सामाजिक और कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त बंधन है जो उनके बीच अधिकारों और दायित्वों को स्थापित करता है। यह बंधन उनके बच्चों (यदि कोई हो) और ससुराल वालों के साथ भी अधिकार और दायित्वों को स्थापित करता है।
विवाह के 8 प्रकार कौन से हैं?
हिंदू धर्म में विवाह के आठ प्रकार बताए गए हैं: ब्रह्म, दैव, आर्ष, प्रजापत्य, असुर, गंधर्व, राक्षस और पैशाच. इनमें से, ब्रह्म विवाह को सबसे उत्तम और पैशाच विवाह को सबसे निम्न माना जाता है.
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