नई दिल्ली। भारत में बेरोजगारी गंभीर समस्या बनती जा रही है। नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (NSO) द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक 15-29 साल की उम्र के युवाओं में बेरोज़गारी दर जून 2025 में बढ़कर 15.3 फीसदी हो गई, जो मई में 15 फीसदी थी। इस आयु वर्ग की महिलाओं में यह दर और भी अधिक 17.4 फीसदी दर्ज की गई, जबकि पुरुषों में यह 14.7 फीसदी रही। एनएसओ के मासिक लेबर फोर्स सर्वे के मुताबिक देश की कुल बेरोज़गारी दर जून में 5.6 फीसदी रही, जो मई जितनी ही है।
शहरी क्षेत्रों में बेरोज़गारी दर 7.1 फीसदी रही
शहरी क्षेत्रों में बेरोज़गारी दर 7.1 फीसदी रही वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह 4.9 फीसदी रही है। पुरुषों और महिलाओं दोनों की बेरोज़गारी दर (Unemployment Rate) करीब 5.6 फीसदी पर स्थिर रही। बेरोज़गारी दर में सबसे चिंताजनक बात यह है कि कामकाजी उम्र के युवाओं में बेरोज़गारी लगातार बढ़ रही है। युवा महिला में दर 16.3 फीसदी से बढ़कर 17.4 फीसदी हो गई है। पुरुष युवाओं में यह दर 14.5 फीसदी से 14.7 फीसदी पहुंच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि युवा वर्ग नौकरी की तलाश कर रहा है, लेकिन उद्योगों में सीमित अवसर और स्किल गैप इसकी बड़ी वजह है। लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट जून में घटकर 54.2 फीसदी हो गया मई में 54.8 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में 56.1 फीसदी, शहरी क्षेत्रों में 50.4 फीसदी है। वर्कर पॉपुलेशन रेशियो जून में गिरकर 51.2 फीसदी रहा मई में 51.7 फीसदी रहा।
युवाओं और महिलाओं के बीच यह संकट गहराता जा रहा है
ग्रामीण क्षेत्रों में 53.3 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 46.8 फीसदी रही। एक रिपोर्ट के मुताबिक भीषण गर्मी और मॉनसून की शुरुआत के चलते खेती-किसानी पर असर। ग्रामीण महिलाओं का पारिवारिक कार्यों में लौटना, खासकर अवैतनिक सहायकों की संख्या बढ़ना, महिलाओं की कृषि हिस्सेदारी मई के 70.2 फीसदी से घटकर जून में 69.8 फीसदी हुई। देश में बेरोज़गारी की दर स्थिर भले दिख रही हो, लेकिन युवाओं और महिलाओं के बीच यह संकट गहराता जा रहा है। शिक्षा और प्रशिक्षण (education and training) के बाद भी लाखों युवा रोज़गार के उचित अवसरों से वंचित हैं। विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि सरकार को चाहिए कि स्किल डेवेलपमेंट प्रोग्राम और इंडस्ट्री लिंक्ड ट्रेनिंग को बढ़ावा दे।
रोजगार-उन्मुख शिक्षा नीति लागू की जाए, महिलाओं की श्रम भागीदारी बढ़ाने के लिए लचीली कार्य व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि जब तक युवा वर्ग के लिए व्यापक और टिकाऊ रोज़गार के अवसर नहीं सृजित होते, तब तक भारत की आर्थिक प्रगति अधूरी रहेगी।
युवाओं में बेरोजगारी क्या है?
युवा बेरोजगारी से तात्पर्य 15-24 वर्ष की आयु के श्रम बल के उस अनुपात से है, जिनके पास नौकरी नहीं है, लेकिन वे रोजगार की तलाश में हैं ।
बेरोजगार युवाओं के लिए विकास क्या है?
इसमें कार्यबल की मांगों के लिए व्यक्तियों को तैयार करने के लिए लक्षित प्रशिक्षण और शिक्षा शामिल है, जिसमें उन्हें व्यावहारिक, नौकरी से संबंधित कौशल के साथ-साथ संचार, टीमवर्क, समस्या-समाधान और नेतृत्व जैसे व्यापक कौशल भी प्रदान किए जाते हैं।
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