MP News : झाबुआ में 11 मोरों की मौत से हड़कंप

By Surekha Bhosle | Updated: July 11, 2025 • 3:54 PM

अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज

MP News: मध्यप्रदेश के झाबुआ (Jhabua) जिले से चौंकाने वाली खबर सामने आई है जहां 11 मोर (Peacock) मृत पाए गए हैं। घटना के बाद वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है

MP News: एमपी के झबुआ Jhabua में 11 मोर की मौत की मौत के मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही विसरा के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।

मध्य प्रदेश में झाबुआ Jhabua जिले के एक वन क्षेत्र में बृहस्पतिवार को खेतों के पास 11 मोर मृत पाए गए, जिसके बाद वन विभाग ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. एक वन अधिकारी ने बताया कि ये पक्षी थांदला तहसील के ढेबर बड़ी गांव में मृत पाए गए जिसकी सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और मोरों के शवों को मेघनगर ले आए. अधिकारी ने बताया कि झाबुआ के पशु चिकित्सालय में उनका पोस्टमार्टम किया गया और उनके विसरा के नमूने जांच के लिए भेजे गए।

झाबुआ के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) सुनील सुलिया ने बताया कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि स्थानीय अदालत की अनुमति से मृत मोरों को दफन कर दिया गया।

झाबुआ तहसीलों में पायी जाती है मोरों की बड़ी संख्या

आदिवासी बहुल झाबुआ जिले की पेटलावद, थांदला और झाबुआ तहसीलों में मोरों की बड़ी संख्या पायी जाती है. किसान अपनी फसलों को जानवरों और पक्षियों से बचाने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं। एक पर्यावरणविद् ने बताया कि कई बार ऐसी फसलें खाने से मोर मर जाते हैं।

‘मोरों के संरक्षण के लिए एक अभयारण्य बनाना चाहिए’

जिला पर्यावरण वाहिनी के संयोजक दिलीप सिंह ने कहा, ‘‘जिले में मोरों के संरक्षण के लिए कोई ठोस परियोजना लागू नहीं की जा रही है. नतीजतन, ऐसी घटनाएं आए दिन होती रहती हैं.’’ उन्होंने कहा कि वन विभाग को मोरों के संरक्षण के लिए एक अभयारण्य बनाना चाहिए।

झाबुआ का पुराना नाम क्या था?

यहां प्राचीन काल में नागवंशी राजाओं का शासन था, जो विभिन्न आदिवासी जनजातियों के साथ सम्बन्धित थे। झाबुआ का ऐतिहासिक प्रमुख भाग विंध्याचल पहाड़ियों में स्थित है, जहां विविध आदिवासी समुदायों ने बसा रहा है। यहां का नाम प्राचीन काल में ‘जवाईबूआ’ था, जिसका अर्थ होता था “निजी राज्य के बाहर”।

झाबुआ का क्या अर्थ है?

मध्य प्रदेश का झाबुआ जिला भील जनजाति का घर है, जिसे ‘भारत के बहादुर धनुष पुरुषों’ के रूप में जाना जाता है। उत्तर में माही नदियों के प्रवाह और दक्षिण में नर्मदा के बीच भूमि का टुकड़ा इस जनजाति के सांस्कृतिक केंद्र का प्रतीक है; झाबुआ।

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