Third Party: भारत को किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं- थरूर

By digital | Updated: June 5, 2025 • 1:15 PM

Third Party भारत को किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं- थरूर राहुल गांधी के बयान से उठे सियासी तूफान पर सफाई

Third Party को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान इन दिनों तीव्र विवाद का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा था कि “भारत सरकार ने चीन के सामने सरेंडर कर दिया है, इसलिए हमें किसी तीसरे पक्ष की जरूरत है जो मध्यस्थता करे।” इस बयान पर अब कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सफाई दी है।

शशि थरूर का बयान – Third Party की जरूरत नहीं

शशि थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत एक सशक्त लोकतंत्र है और हमारी विदेश नीति इतनी परिपक्व है कि किसी Third Party की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की बात का गलत मतलब निकाला गया है और भारत की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं हो सकता।

Third Party: भारत को किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं- थरूर

थरूर के मुख्य बिंदु:

सरकार और कांग्रेस के बीच बयानबाज़ी

इस विवाद ने राजनीतिक गर्मी और बढ़ा दी है। भाजपा ने राहुल गांधी के बयान को देश विरोधी करार दिया, जबकि कांग्रेस इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल” उठाने का लोकतांत्रिक अधिकार बता रही है।

Third Party पर भारत की नीति क्या है?

भारत हमेशा से यह स्पष्ट करता रहा है कि वह अपने द्विपक्षीय मामलों में किसी भी Third Party की मध्यस्थता नहीं चाहता। खासकर भारत-चीन या भारत-पाक संबंधों में यह नीति बहुत दृढ़ रही है।

Third Party: भारत को किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं- थरूर

भारत की कूटनीतिक नीति:

Third Party को लेकर चल रही बहस भारतीय राजनीति और विदेश नीति दोनों के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन चुकी है। शशि थरूर ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत आत्मनिर्भर है और किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं। अब देखना होगा कि इस पर सियासी बयानबाज़ी और कितना आगे जाती है।

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