फतेहपुर, 12 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक मकबरे को ठाकुर जी का मंदिर बताने वाले विवाद ने तूल पकड़ लिया है, जिसके केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल और फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) अनूप सिंह के बीच तीखी नोकझोंक है। इस मामले ने न केवल स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ाया है, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक माहौल को भी गर्म कर दिया है।
BJP जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने SP को खुली चुनौती देते हुए कहा, “यह मुलायम सिंह यादव की सरकार नहीं है कि आप गोली चलवा देंगे। अगर हिम्मत है तो गोली चलवाइए।” इस बयान ने पूरे मामले को और सनसनीखेज बना दिया है।
क्या है पूरा मामला?
फतेहपुर के अबूनगर रेडैइया में स्थित एक कथित मकबरे को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब BJP जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने दावा किया कि यह स्थल वास्तव में ठाकुरद्वारा मंदिर है। उन्होंने 11 अगस्त 2025 को इस स्थान पर पूजा करने की घोषणा की और हिंदूवादी संगठनों से समर्थन मांगा। उनके आवाहन पर सैकड़ों लोग मकबरे पर इकट्ठा हुए, जिन्होंने नारेबाजी की, बैरिकेड तोड़े, और परिसर में घुसकर भगवा ध्वज फहराया। भीड़ ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया।
इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग भी मौके पर पहुंचे, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक और झड़प हुई। आरोप है कि हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने विरोधियों को खदेड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी बल तैनात किया था। करीब पांच घंटे तक तनावपूर्ण माहौल रहा, जिसके बाद पुलिस और पीएसी ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया।
पुलिस ने 10 लोगों को नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, लेकिन मुखलाल पाल का नाम FIR में शामिल नहीं है।
मुखलाल पाल की चुनौती और SP का रुख
मुखलाल पाल का SP अनूप सिंह से बातचीत का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा, “यह मुलायम सिंह की सरकार नहीं है, गोली चलवाने की हिम्मत दिखाइए।” यह बयान उन्होंने पुलिस की कार्रवाई और बैरिकेडिंग के विरोध में दिया। पाल ने जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाया कि वह जानबूझकर स्थिति को बिगाड़ रहा है।
दूसरी ओर, SP अनूप सिंह ने इस मामले में ज्यादा टिप्पणी करने से इनकार किया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। फतेहपुर पुलिस का कहना है कि इस मामले में कोई मुख्य आरोपी नहीं है, और स्थिति अब नियंत्रण में है।
राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने BJP पर सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब BJP की पोल खुलने लगती है, तब वह सांप्रदायिक तनाव भड़काने की साजिश रचती है।
जनता उनकी चाल समझ चुकी है।” जवाब में, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा पर समाज को बांटने का आरोप लगाया और कहा कि BJP का संकल्प “सबका साथ, सबका विकास” है। उन्होंने दावा किया कि पिछले साढ़े आठ साल में योगी सरकार ने दंगों पर पूरी तरह नियंत्रण किया है।
मुखलाल पाल के पुराने विवाद
मुखलाल पाल पहले भी विवादों में रहे हैं। उन पर फरवरी 2025 में पार्टी में पद दिलाने के नाम पर 50 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा था। BJP की जांच समिति ने इन आरोपों को सही पाया, लेकिन साढ़े तीन महीने बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि इस मामले में जल्द कार्रवाई होगी।
यह घटना इसलिए सुर्खियों में है, क्योंकि यह धार्मिक स्थलों को लेकर संवेदनशील विवादों और सांप्रदायिक तनाव से जुड़ी है। मुखलाल पाल की SP को खुली चुनौती और उनके भड़काऊ बयान ने मामले को और गंभीर बना दिया। साथ ही, अखिलेश यादव और BJP के बीच तीखी बयानबाजी ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया है। यह विवाद उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द के लिए चुनौती बन सकता है।
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