मऊ (Mau), उत्तर प्रदेश: मऊ जिले में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित अम्बेडकर विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी रश्मि मिश्रा की शिकायत पर 42 फर्जी शिक्षकों, 20 स्कूल प्रबंधकों, तीन तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारियों, चार खंड शिक्षा अधिकारियों, तीन पर्यवेक्षकों और शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों समेत कुल 72 नामजद और 14 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मऊ कोतवाली में 5 अगस्त 2025 को FIR दर्ज की गई। इस घोटाले ने जिले के शिक्षा तंत्र में हड़कंप मचा दिया है।
कैसे हुआ खुलासा?
यह घोटाला 2018 में तत्कालीन जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु की जांच के दौरान पहली बार उजागर हुआ था। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित 19 अम्बेडकर विद्यालयों की जांच में पाया गया कि 2014 के बाद नियुक्त 70 शिक्षकों में से 42 ने फर्जी डिग्रियों और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। जांच में यह भी सामने आया कि कई प्रमाणपत्र संबंधित संस्थानों द्वारा जारी नहीं किए गए थे, और फर्जी अनुमोदन पत्रों के जरिए वेतन भुगतान किया जा रहा था। विधायक सुषमा पटेल की शिकायत पर नियम-51 के तहत की गई विभागीय जांच के बाद यह कार्रवाई शुरू हुई।
कौन-कौन शामिल?
FIR में शामिल लोगों में तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी बलदेव त्रिपाठी, जितेंद्र सिंह, विमला राय, तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA), चार खंड शिक्षा अधिकारी (BEO), और 19 स्कूल प्रबंधक शामिल हैं। इसके अलावा, मोहम्मदाबाद गोहना के प्रबुद्ध अम्बेडकर यांत्रिक प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक रामप्रसाद का नाम भी 22वें क्रम पर दर्ज है। रामप्रसाद ने दावा किया कि उनके दस्तावेज वैध हैं और 2018 की जांच में उनके पक्ष में रिपोर्ट आई थी।
कार्रवाई और जांच
जिला समाज कल्याण अधिकारी रश्मि मिश्रा ने बताया कि 42 शिक्षकों का वेतन भुगतान तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। मऊ कोतवाली के SHO अनिल कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। अन्य 28 शिक्षकों की नियुक्तियों की जांच भी जारी है। समाज कल्याण विभाग ने स्पष्ट किया कि नियुक्तियां स्कूल प्रबंधकों द्वारा की जाती हैं, और विभाग केवल शासनादेश के आधार पर अनुमोदन करता है।
मऊ में पहले भी फर्जीवाड़ा
यह मऊ में फर्जी शिक्षक नियुक्तियों का पहला मामला नहीं है।साल 2020 में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में ‘अनामिका शुक्ला’ नाम से फर्जी शिक्षकों का भंडाफोड़ हुआ था, जिसमें 64 शिक्षकों की नौकरी गई थी। इन शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल की थी और सरकार से करोड़ों रुपये का वेतन लिया था। अब इन 64 शिक्षकों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई और लगभग 6 करोड़ रुपये की वसूली की तैयारी है।
आगे क्या?
इस घोटाले ने मऊ के शिक्षा विभाग में गहरी खामियों को उजागर किया है। प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है, और पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। यह मामला शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को दर्शाता है, जिसने जनता के बीच आक्रोश पैदा किया है।
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